धारा लक्ष्य समाचार पत्र
जगदीशपुर/अमेठी। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र कठौरा, अमेठी में कृषि विभाग के सहयोग से विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि राकेश विक्रम ने की। उन्होंने कहा कि “मिट्टी कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की नींव है। यदि मिट्टी सुरक्षित रहेगी तभी किसान सुरक्षित रहेगा। इसलिए प्रत्येक किसान को समय-समय पर मिट्टी परीक्षण कराना चाहिए।”
जिला कृषि अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि विभाग द्वारा किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, सूक्ष्म पोषक तत्व प्रबंधन, जैविक खेती, फसल विविधिकरण और जल संरक्षण तकनीकों के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने पर लागत घटती है और उत्पादन बढ़ता है। इसलिए किसान मिट्टी की स्थिति समझकर ही उर्वरक और पोषक तत्वों का प्रयोग करें।
केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ. देवेश पाठक ने मिट्टी को जीवित प्रणाली बताते हुए कहा कि अत्यधिक जुताई, अनियंत्रित रासायनिक उर्वरक, अवशेष जलाना और pH असंतुलन मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान पहुँचा रहे हैं। उन्होंने किसानों को जैविक खाद, हरी खाद, फसल चक्र, मल्चिंग, BBF/RBF तकनीक और बायोफर्टिलाइज़र अपनाने पर जोर दिया, जिससे मिट्टी की संरचना और उर्वरता दोनों में सुधार होता है।
जनपदीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला अध्यक्ष डॉ. आलोक मौर्या ने बताया कि जिले की मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन, नत्रजन और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी बढ़ रही है। इसी को देखते हुए जिले में मृदा स्वास्थ्य अभियान चलाया जा रहा है ताकि किसानों को उनके खेत की आवश्यकता के अनुसार वैज्ञानिक सलाह मिल सके।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. ओ. पी. सिंह ने किया। कार्यक्रम में डॉ. अशोक सिंह, डॉ. रेनू सिंह, डॉ. पी. के. सिंह सहित अनेक वैज्ञानिक व किसान मौजूद रहे।
