जिला रिपोर्टर
रायबरेली के ऊंचाहार में दलित समुदाय के लोगों ने बुधवार को तहसील मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि यादव बिरादरी के दबंगों द्वारा बार-बार की जा रही मारपीट और छेड़छाड़ के खिलाफ कइ बार शिकायत करने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
वही हल्ला दरोगा पर भी गम्भीर आरोप लगाये है। घटना 25 को वा दुसरी घटना 31 मई की रात की है। रामकिशुन के पुत्र के तिलकोत्सव कार्यक्रम में डीजे बज रहा था। कुछ लोगों ने डीजे बंद करने की मांग की। विरोध करने पर उन्होंने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। मौके पर मौजूद महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और मारपीट की।

पीड़ित परिवार ने 26 मई को थाने में मारपीट और हरिजन एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई। पुलिस की निष्क्रियता से आरोपियों ने 31 मई को फिर हमला कर दिया। वे घर में घुसे और महिलाओं व बच्चों को लाठी-डंडों से पीटा। घर का सामान भी तोड़ दिया।दोनों मामले मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रही है।
वही हल्ला दरोगा विरोधी से साठगांठ कर रखा है। पीड़ित परिवार ने बताया कि आरोपी अपराधिक प्रवृत्ति के हैं। वे जहां भी मिलते हैं, मारपीट करते हैं। परिवार भयभीत है और गांव छोड़ने को मजबूर है। गांव की महिलाएं और बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।इसी बात से नाराज़ ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया है। उनकी मांग है कि दबंग जाति विशेष के लोगों पर प्रभावी कार्रवाई कर की जाए।
प्रदर्शन में शामिल सैकड़ों दलितों ने एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। धरने में राम किशुन, राम रतन, अखिलेश, मनीषा देवी, गुड़िया देवी, राम कुमारी समेत कई लोग मौजूद रहे।
