New delhi:एफटीए में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए जर्मनी की जयशंकर ने की पुरजोर वकालत

धारा लक्ष्य समाचार पत्र 

नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बुधवार को भारत के दौरे पर आए जर्मनी के अपने समकक्ष जोहान वाडेफुल के साथ बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्टर और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में आपसी सहयोग को और अधिक गहरा करने पर चर्चा की। जयशंकर ने भारत-यूरोपीय संघ के घनिष्ठ संबंधों और मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए जर्मनी की पुरजोर वकालत की सराहना भी की।

डॉ. जयशंकर की जर्मन समकक्ष से मुलाकात, आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्च

इसके साथ ही दोनों पक्षों के बीच यूक्रेन संघर्ष, मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति सहित बहुपक्षीय सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। वाडेफुल के साथ प्रेस वार्ता के दौरान विदेश मंत्री ने कहा हमने अपने संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की है। इसमें हमारे राजनीतिक सहयोग, सुरक्षा और रक्षा, आर्थिक संबंध, अनुसंधान और भविष्य की प्रौद्योगिकियां, जलवायु और ऊर्जा के साथ-साथ शिक्षा, कौशल विकास, गतिशीलता और लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान शामिल हैं।

डॉ. जयशंकर ने कहा हम आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई के संबंध में जर्मनी द्वारा दिखाई गई समझ की बहुत कद्र करते हैं। मंत्री वाडेफुल ने स्वयं आतंकवादी हमलों से अपने लोगों की रक्षा करने के हमारे अधिकार के बारे में स्पष्ट रूप से बात की है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जून में जर्मनी का दौरा करने वाले हमारे संसदीय प्रतिनिधिमंडल का भी गर्मजोशी से स्वागत किया गया। दोनों देशों के बीच अधिक उद्योग सहयोग पर भी बात की गई। पिछले वर्ष हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 50 बिलियन यूरो था। मंत्री वाडेफुल ने आधिकारिक तौर पर कहा है, मैंने उनका एक साक्षात्कार देखा, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि हम अपना व्यापार दोगुना कर लेंगे। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत उनकी भावनाओं का पूरा सम्मान करता है और जर्मन सरकार के साथ काम करने के लिए उत्सुक है।

विदेश मंत्री ने कहा मंत्री वाडेफुल ने बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान और इसरो का भी दौरा किया और मुझे बहुत खुशी है कि उन्होंने ऐसा किया, क्योंकि मेरा मानना है कि अंतरिक्ष सहयोग में अपार संभावनाएं हैं – और हम आज फिर इस बात पर सहमत हुए कि इसे और अधिक सक्रियता से तलाशा जाना चाहिए।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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