*प्रसाशन से नाराज किसानों का दूसरे दिन भी जारी रहा धरना प्रदर्शन।*
जगदीशपुर/अमेठी। जिले के जगदीशपुर औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर–B स्थित यूपीसीडा भूमि पर गुरुवार को अचानक हुई प्रशासनिक कार्रवाही ने किसानों में भारी रोष फैला दिया है।
आरोप है कि अधिकारियों ने बिना किसी पूर्व नोटिस या सूचना के करीब 60 एकड़ भूमि पर खड़ी पकी धान की फसल को जेसीबी से जुतवा दिया। इस कार्रवाही से आक्रोशित किसानों ने कोयलारा रोड पर बारिश के बीच धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
किसानों का कहना है कि जिस भूमि पर फसल खड़ी थी, उसका मुआवज़ा अब तक उन्हें नहीं मिला है। बावजूद इसके, प्रशासन ने उनकी मेहनत को रौंद दिया।
उनका कहना है कि यह जमीन अधिग्रहण का मामला अभी माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, फिर भी यूपीसीडा ने एकतरफा कार्रवाही करते हुए फसल को नष्ट कर दिया।
मौके पर यूपीसीडा के अधिकारी, तहसीलदार राहुल सिंह, थाना अध्यक्ष कमरौली मुकेश पटेल और पीएसी बल तैनात रहे। प्रशासनिक टीम ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी।
धरना दे रहे किसानों का कहना है कि उन्होंने सालभर की मेहनत से फसल तैयार की थी, लेकिन बिना पूर्व चेतावनी के जेसीबी चलाकर उनकी पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया गया।
किसानों ने कहा कि जब तक उन्हें न्याय और उचित मुआवजा नहीं मिलता, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी प्रशासनिक कार्रवाही पर नाराज़गी जताई। उनका कहना है कि सरकार को पहले किसानों से बातचीत कर कोई समाधान निकालना चाहिए था, न कि फसल को बर्बाद करना चाहिए था।
ग्रामीणों का कहना है कि किसानों की मेहनत और लगन का यह अपमान है, जिससे गांवों में आक्रोश की लहर फैल गई है।
सूत्रों के अनुसार, यह भूमि वर्षों पहले औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के अधिग्रहण में आई थी, लेकिन मुआवज़ा भुगतान और स्वामित्व विवाद को लेकर मामला अदालत में लंबित है। किसान अभी भी उस भूमि पर खेती कर रहे थे और फसल तैयार थी।
इस कार्रवाही के विरोध में शुक्रवार को भी किसानों ने दूसरे दिन धरना जारी रखा और किसान संगठनों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जाता और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाही नहीं होती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
उधर प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि कार्रवाही उच्चाधिकारियों के निर्देश पर की गई है और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। हालांकि, किसानों का कहना है कि मामला न्यायालय में विचाराधीन रहते हुए ऐसी कार्रवाई न्याय के मूल सिद्धांतों के विपरीत है।
वर्तमान में क्षेत्र में तनाव और रोष का माहौल है। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखी है ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो वे जिला मुख्यालय तक आंदोलन को विस्तारित करेंगे।
