धारा लक्ष्य समाचार पत्र
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर से कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक नाबालिग रेप पीड़िता ने महिला दरोगा पर थाने में टॉर्चर करने, तीन दिन तक बिठाए रखने और कोर्ट में बयान बदलवाने का दबाव बनाने का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले में पीड़िता और उसकी मां ने न्यायालय के साथ-साथ राष्ट्रपति और राष्ट्रीय महिला आयोग से न्याय की गुहार लगाई है।
जानकारी के अनुसार, यह मामला कानपुर जिले के काकोरी थाना क्षेत्र का है। पीड़िता ने बताया कि मुख्य आरोपी इशू यादव की गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। लेकिन महिला दरोगा रीना सिंह ने उसके परिजनों को थाने बुलाकर पूछताछ के बहाने नाबालिग को तीन दिनों तक वहीं रोक लिया। इस दौरान दरोगा ने उस पर बार-बार दबाव बनाया कि वह कोर्ट में जाकर अपने बयान बदल दे।
पीड़िता ने अदालत में दिए गए अपने बयान में कहा कि दरोगा रीना सिंह ने न केवल उसे धमकाया बल्कि आरोपी के पक्ष में गवाही देने के लिए प्रलोभन भी दिया। उसने यह भी आरोप लगाया कि दरोगा की आरोपी इशू यादव और उसकी बहन से मिलीभगत थी।
पीड़िता की मां ने बताया कि 16 सितंबर को उनकी बेटी के गायब होने के बाद उन्होंने इशू यादव और उसकी बहन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि दोनों ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर होटल और दोस्त के कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया और उसके अश्लील वीडियो व फोटो बना लिए।
परिवार का कहना है कि आरोपी की बहन अब भी अज्ञात नंबरों से कॉल कर धमकियां दे रही है और बयान बदलने का दबाव बना रही है। मां ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि दरोगा रीना सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और पीड़िता को न्याय दिलाया जाए।
यह घटना पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है, खासकर तब जब आरोपी खुद कानून की रक्षा करने वाले विभाग से जुड़ी हो। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या सख्त कदम उठाता है।
