धारा लक्ष्य समाचार पत्र
संग्रामपुर/अमेठी। शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर में(इन्फेंट प्रोटेक्शन डे) शिशु सुरक्षा दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में नवजात शिशुओं की सेहत और देखभाल के प्रति माता-पिता को जागरूक किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर संतोष सिंह ने शिशु के माता-पिता को बताया कि नवजात बच्चों की सही देखभाल कैसी करनी चाहिए ताकि उसकी जिंदगी सुरक्षित रहे।
उन्होंने बताया कि कई तरह की गलत धारणाएं समाज में प्रचलित हैं अक्सर देखा जाता है की बहुत से लोग मानते हैं कि जन्म के तुरंत बाद से ही शिशु को शहद चटाना चाहिए, जबकि यह बेहद खतरनाक है शहद शिशु के आंतों में इन्फेक्शन कर सकते हैं।
जन्म के बाद शिशु को केवल मां का पीला गाढ़ा दूध ही पिलाना चाहिए। कुछ महिलाएं नाभि की डोरी में राख हल्दी या घी लगती हैं जो उलनाल,(नाभि की डोरी) के सहारे इन्फेक्शन पहुंच सकता है, केवल साफ – सफाई रखना चाहिए।
नवजात शिशुओं को कान – नाक में सरसों का तेल डाला जाता है जिससे ठंड बचाई जाए लेकिन यह अवधारणा पूरी तरह गलत है इसे कान – नाक और फेफड़े पर असर पड़ता है जिससे बच्चों को निमोनिया हो सकता है, और जो चौथा सबसे बड़ी गलत अवधारणा है पीला गाढ़ा दूध गंदा होता है, उसे फेंक देना चाहिए जबकि यही दूध बच्चों के लिए सबसे ज्यादा पौष्टिक और सुरक्षा देने वाला होता है।
इसमें मौजूद एंटीबॉडीज बच्चों की बीमारियों से बचाती है इसलिए इसे पिलाना जरूरी है और एक आम धारणा है कि गर्मी में बच्चों के ऊपर सिर्फ पानी या घुट्टी पिला देना चाहिए।
जबकि यह बिल्कुल गलत है 6 महीने तक बच्चों को सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए। दस्त होने पर कुछ लोग खिलाना – पिलाना बंद कर देते हैं ताकि पेट आराम करें, ऐसा करने पर बच्चों के अंदर पानी की कमी हो जाती है ऐसे समय में बच्चों को मां का दूध या हल्का तरल पदार्थ देते रहना चाहिए।
इसके अलावा बच्चों की आंखों में काजल या सुरमा लगाते हैं ताकि आंखें सुंदर दिखे लेकिन आजकल के काजल में केमिकल होता है जिससे बच्चों को नुकसान पहुंच सकता है।
इस कार्यक्रम में महिला चिकित्सक डॉ गौड़, आर ओ संतोष यादव बीपीएम शम्भू नाथ पाण्डेय, बीसीपीएम तीर्थराज यादव, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर ज्ञान प्रकाश नवजात शिशुओं के माता-पिता व आशा बहुएं मौजूद रही।
