Sitapur Uttar Pradesh: सीतापुर में चला बुलडोज़र: लालबाग–आंख अस्पताल मार्ग पर बड़ी कार्रवाई, जनता ने उठाए स्थायी समाधान पर सवाल

♠अतिक्रमण हटाओ अभियान से हड़कंप, लेकिन पिछले अनुभवों के आधार पर नागरिकों ने निगरानी और पुनः कब्जों पर जताई चिंता।

धारा लक्ष्य समाचार 

सीतापुर संवाददाता शफीक अहमद

सीतापुर। जिला प्रशासन ने रविवार को नगर कोतवाली क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ व्यापक कार्रवाई करते हुए लालबाग चौराहा से आंख अस्पताल मार्ग तक बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। अभियान शुरू होते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। दुकानों के आगे लगे टीन शेड, नालों पर बने पक्के निर्माण, फुटपाथों पर किए गए कब्जे और बढ़ाए गए हिस्सों को मौके पर ही गिरा दिया गया।

यह कार्रवाई जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई, जिसमें प्रशासनिक व राजस्व विभाग, पुलिस, नगर पालिका और पीडब्ल्यूडी की संयुक्त टीम शामिल रही। अधिकारियों ने पूरे मार्ग पर पैदल जाकर अतिक्रमण चिह्नित किए और तत्काल प्रभाव से तोड़फोड़ की।

अभियान की निगरानी कर रहे एसडीएम सदर धामनी एम. दास ने स्पष्ट किया कि कार्रवाई केवल उन्हीं लोगों पर की जा रही है जिन्होंने नालों, सरकारी भूमि और पैदल मार्गों पर अवैध कब्जा किया था। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों की अधिकता वाले इस क्षेत्र में ट्रैफिक जाम गंभीर समस्या बन चुका था, इसलिए यह कदम अत्यंत आवश्यक था।

इसी बीच नगर पालिका के ईओ वैभव त्रिपाठी ने लालबाग चौराहे से 150 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के अतिक्रमण — जैसे टिन शेड, खोखे, फड़ या बढ़ाए गए हिस्से — को सख्त रूप से प्रतिबंधित करते हुए चेतावनी दी। उन्होंने बताया कि लालबाग पार्क में 100–200 वाहनों की पार्किंग व्यवस्था उपलब्ध है, जबकि कोतवाली के पास मोटरसाइकिल पार्किंग निर्धारित की गई है। अवैध वसूली पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है।

जनता की चिंता: बार-बार अभियान, लेकिन स्थायी समाधान नहीं

दूसरे क्षेत्रों में पहले चलाए गए अतिक्रमण-विरोधी अभियानों को लेकर जनता का कहना है कि फुटपाथ, जो कभी लोगों के चलने के लिए सुरक्षित मार्ग थे, अब पूरी तरह गायब हो चुके हैं। अतिक्रमण हटाने के बाद अधिकारियों की निगरानी शून्य रहने के कारण कुछ ही समय में दोबारा वही कब्जे हो जाते हैं और समस्या वैसी ही बनी रहती है।

नागरिकों का कहना है कि बार-बार सफाई अभियान चलने के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं निकल रहा। इसका परिणाम यह होता है कि परेशानी केवल आम जनता को झेलनी पड़ती है, जबकि शहर की सुंदरता और यातायात व्यवस्था पर स्थायी सुधार नजर नहीं आता।

कुल मिलाकर, रविवार का संयुक्त अतिक्रमण-विरोधी अभियान प्रशासन की गंभीरता तो दिखाता है, लेकिन जनता अब स्थायी और प्रभावी समाधान की उम्मीद कर रही है, जिससे शहर वास्तव में अतिक्रमण मुक्त और यातायात सुगम बन सके।

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