Barabanki Uttar Pradesh: बाल विवाह, बालश्रम, बाल तस्करी, बाल यौन षोषण पर सभी एक साथ मिलकर काम करेंगें

धारा लक्ष्य समाचार पत्र

बाराबंकी। संवाद सामाजिक संस्थान एवं एक्सेस टू जस्टिस के सहयोग से बाल विवाह, बाल श्रम और बाल तस्करी जैसे गंभीर बाल संरक्षण मुद्दों पर समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बाराबंकी में एक संयुक्त स्टेकहोल्डर्स बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल संरक्षण ईकाइयों, पंचायत प्रतिनिधियों, मीडिया, विधि विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय सहभागिता करते हुए महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया।

सभी प्रतिभागियों ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि भले ही प्रत्येक विभाग की अपनी विशिष्ट भूमिका और सीमाएँ हैं, लेकिन बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन से जुड़े मामलों का समाधान तभी संभव है जब सभी मिलकर साझा प्रयास करें। बैठक में यह स्पष्ट संकल्प व्यक्त किया गया कि बाल विवाह, बाल श्रम और बाल तस्करी केवल कानूनी अपराध ही नहीं, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए गंभीर खतरा हैं,

इसलिए इन समस्याओं के उन्मूलन के लिए बहु-क्षेत्रीय सहयोग और समुदाय की सक्रिय भागीदारी अनिवार्य है।

इस अवसर पर भारत सरकार द्वारा संचालित 100 दिवसीय विशेष अभियान पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। एक्सेस टू जस्टिस कार्यक्रम द्वारा इस अभियान में देशभर में जागरूकता, प्रशिक्षण और हस्तक्षेप की प्रक्रिया को मजबूत किया जा रहा है। बैठक में सभी विभागों और संगठनों ने यह संकल्प लिया कि इस राष्ट्रीय अभियान को स्थानीय स्तर पर और अधिक सशक्त बनाते हुए इसे जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा ताकि भारत को बाल बालश्रम, बाल विवाह से मुक्त किया जा सके।

जिला विद्यालय निरीक्षक श्री ओ0 पी0 त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हर बच्चे को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना हम सभी का नैतिक दायित्व है। उन्होंने शिक्षकों से अपेक्षा की कि वे प्रत्येक बच्चे की मनोवैज्ञानिक स्थिति को समझते हुए उन्हें निरंतर प्रेरित करें, जिससे बच्चे विद्यालय से नियमित रूप से जुड़ सकें और उनके भविष्य में किसी भी प्रकार की बाधा न आए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हर बच्चा विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित रहे तो बाल श्रम जैसी समस्या स्वतः समाप्त हो जाएगी।

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य श्री श्याम त्रिपाठी ने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम में पंचायतों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि पंचायत स्तर पर सतर्कता और निगरानी की मजबूत व्यवस्था हो, तो किसी भी समुदाय में बाल विवाह की घटनाओं को पूर्णतः रोका जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि समुदाय की सोच और व्यवहार में परिवर्तन लाए बिना कानूनी प्रावधानों का प्रभाव सीमित रह जाता है।

बाल कल्याण समिति, बाराबंकी के सदस्य श्री राजेश शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि पंचायतों की कार्ययोजना में बच्चों के अधिकारों-सुरक्षा, संरक्षण, शिक्षा और स्वास्थ्य को वही प्राथमिकता मिलनी चाहिए जो अन्य विकास कार्यों को मिलती है। जब ग्राम स्तर पर बच्चों के मुद्दों को प्राथमिकता मिलेगी, तभी वास्तविक सामाजिक परिवर्तन संभव होगा।

बैठक को संबोधित करते हुए श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री योगेश दीक्षित ने कहा कि बाल श्रम एक गंभीर अपराध है और इसे रोकने के लिए केवल विभागीय प्रयास पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि समाज के प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भूमिका आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी स्थान पर बच्चे से जबरन या अनुचित परिस्थितियों में काम कराया जा रहा हो, तो उसे नज़रअंदाज़ न किया जाए, बल्कि तुरंत इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों तक पहुँचाई जाए। उन्होंने आगे बताया कि श्रम विभाग द्वारा पेंसिल पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध है,

जहाँ कोई भी व्यक्ति त्वरित शिकायत कर सकता है। इसके साथ ही सूचना स्थानीय थाने या जिला प्रशासन को भी दी जा सकती है ताकि समय रहते बच्चों को शोषण और दुरुपयोग से बचाया जा सके। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे एक जिम्मेदार समाज का परिचय देते हुए अधिक से अधिक बच्चों को न्याय दिलाने में सहयोग करें।

बैठक के संबोधन में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य नंदिता सिंह ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा बच्चों और परिवारों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ संचालित की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने की आवश्यकता है, ताकि कोई भी परिवार जानकारी के अभाव में अपने अधिकारों और सुविधाओं से वंचित न रह जाए।

प्रधानाचार्य ने सुझाव दिया कि समुदाय-स्तर पर जागरूकता कार्यक्रमों, विद्यालयों के माध्यम से सूचना प्रसार तथा विभिन्न विभागों के समन्वय से इन योजनाओं का लाभ वंचित वर्ग तक आसानी से पहुँचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, तभी बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित भविष्य प्रदान करने में सहायता मिलेगी और समाज में बाल विवाह एवं बाल श्रम जैसी समस्याओं पर प्रभावी रोक लगेगी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एंटी ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग यूनिट के उप प्रभारी श्री संदीप पांडेय ने बताया कि मानव तस्करी बच्चों के भविष्य, सुरक्षा और अधिकारों पर सबसे बड़ा आक्रमण है। इसका संबंध केवल अपराध से नहीं, बल्कि गरीबी, अभाव, शिक्षा की कमी और सामाजिक असमानताओं से भी है। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी मामले की जानकारी मिलने पर तुरंत पुलिस या एंटी ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग यूनिट से संपर्क किया जाना चाहिए, ताकि बच्चों को समय रहते सुरक्षित किया जा सके और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने यह भी बताया कि मानव तस्करी की रोकथाम के लिए सामुदायिक सतर्कता अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति बच्चों को नौकरी, शिक्षा या बेहतर जीवन का लालच देकर कहीं ले जाने की कोशिश करे, या कोई बच्चा अचानक विद्यालय छोड़ दे और घर से गायब हो जाए, तो ऐसे मामलों में देर किए बिना सूचना देना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बच्चों की सुरक्षा को सर्वाेपरि रखते हुए जागरूक समाज निर्माण में सहयोग दें।

बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि सभी विभागों के बीच नियमित समन्वय स्थापित किया जाएगा तथा बाल संरक्षण मामलों में त्वरित और संयुक्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, समुदाय एवं अभिभावकों को जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, विद्यालयों में नामांकन और उपस्थिति बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, तथा बाल विवाह और बाल तस्करी की सूचनाओं पर तुरंत हस्तक्षेप प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाया जाएगा।

बैठक के अंत में सभी प्रतिभागियों ने संयुक्त रूप से यह शपथ ली कि वे बच्चों के अधिकारों की रक्षा और संवर्धन को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए एक सुरक्षित, शिक्षित और बाल-अनुकूल समाज के निर्माण में सक्रिय योगदान देंगे। संवाद सामाजिक संस्थान द्वारा सभी विभागों एवं संगठनों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया और यह विश्वास व्यक्त किया गया कि यह सामूहिक संकल्प बाराबंकी जनपद को बाल संरक्षण के क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित करेगा।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से संवाद सामाजिक संस्थान के श्री अतुल तिवारी, आलोक मिश्रा, विनोद कुमार, राकेष मौर्य, राज वर्मा, वीरेन्द्र कुमार सहित विद्यालय की बालिकाएं और अध्यापक उपस्थित रहे।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Dhara Lakshya samachar के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...

Related posts