गौशालाओं की व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश, बालेश्वर मंदिर व सिधौली पुनर्गठन कार्यों में धीमी प्रगति पर जताई नाराज़गी।
धारा लक्ष्य समाचार शफीक अहमद
सीतापुर(ब्यूरो)। जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर. ने गुरुवार और शुक्रवार को लगातार दो दिनों तक विभागीय कार्यों और विकास परियोजनाओं की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित पशुपालन विभाग की समीक्षा बैठक में जहां उन्होंने पशु चिकित्साधिकारियों को मुख्यालय पर अनिवार्य उपस्थिति और समयबद्ध कार्य निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। 
वहीं गौआश्रय स्थलों में चारा, पानी, अलाव, तिरपाल और बीमार पशुओं के उपचार जैसी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर भी विशेष जोर दिया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर लापरवाही सामने आने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। बिना अनुमति अनुपस्थित पाए गए अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश भी दिए गए।
उन्होंने विभागीय योजनाओं—कुक्कुट विकास नीति, चरागाह विकास, टीकाकरण अभियान तथा गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में चल रही गतिविधियों—की समीक्षा करते हुए वर्मी कम्पोस्ट और गोबर से दीपक निर्माण का प्रशिक्षण शुरू कराने के निर्देश दिए, ताकि गौशालाओं की आय में वृद्धि हो सके। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रणता ऐश्वर्या, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एम.पी. सिंह समेत विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
इसके बाद शुक्रवार को जिलाधिकारी ने सिधौली तहसील स्थित प्राचीन बालेश्वर मंदिर के सौंदर्यीकरण एवं पर्यटन विकास कार्यों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने घाट पर मजबूत रेलिंग लगाने, परिसर का समतलीकरण गुणवत्तापूर्वक कराने और समय-सीमा के भीतर कार्यों के हैंडओवर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
नगर पंचायत सिधौली पुनर्गठन परियोजना के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने धीमी प्रगति पर कड़ी नाराज़गी जताई और चेतावनी दी कि निर्धारित समय में कार्य पूरे न होने पर संबंधित संस्था के भुगतान में 10 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। उन्होंने निर्माण कार्यों में तेजी लाने और गुणवत्ता की जांच कराने का भी आदेश दिया।
निरीक्षण के दौरान कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि और संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
