बछौली के पुरेभंजन तिवारी का पुरवा में भगवान श्रीकृष्णा और रुक्मणी विवाह का मनमोहक झांकी का दृश्य
डा दिनेश तिवारी
अयोध्या धारा लक्ष्य समाचार
बछौली के पुरेभंजन तिवारी का पुरवा में आयोजित श्रीमद्भागवत में प्रख्यात कथा प्रवाचक आचार्य धरणीधर जी महाराज ने कहा कि रास तो जीव का परब्रह्म ईश्वर के साथ मिलन की कथा है। आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति का फल प्राप्त होता है तो उसे रास कहा जाता है।

कथा प्रवाचक ने कहा जब जीव में अभिमान आता है तो भगवान उनसे दूर हो जाते है लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है, उसे दर्शन देते है। कहा कि रुक्मणी साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती। यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नही तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है।
धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत: ही प्राप्त हो जाती है। कथा में भगवान श्रीकृष्णाऔर रुक्मणी विवाह की झांकी निकाली गई श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा किया।
कथा में राम प्रसाद तिवारी, बबलू तिवारी, शांति शरण तिवारी, नंदन तिवारी, वृजेश तिवारी, सुरेंद्र नाथ मिश्र, राम सूरत तिवारी, राजन तिवारी, विनोद मिश्र, सिद्धनाथ तिवारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
कृष्ण और रुकमिणी की फोटो
