धारा लक्ष्य समाचार पत्र
नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को 13वें पासपोर्ट सेवा दिवस के अवसर पर पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी) के अगले चरण और देशव्यापी ई-पासपोर्ट सेवाओं की शुरुआत की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्रालय और भारत तथा विदेश में सभी पासपोर्ट अधिकारियों को पासपोर्ट प्रक्रिया सरल एवं सहज बनाने में उनके निरंतर प्रयासों के लिए बधाई दी।
विदेश मंत्रालय की ओर से 23 से 25 जून के बीच तीन दिवसीय क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (आरपीओ) सम्मेलन भी आयोजित किया गया। पासपोर्ट सेवा दिवस पर अपने संदेश में विदेश मंत्री जयशंकर ने ई-पासपोर्ट परियोजना के साथ-साथ पीएसपी संस्करण 2.0 को लागू करने के लिए मंत्रालय को बधाई दी।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्ष 2014 में 91 लाख पासपोर्ट से वर्ष 2024 में 1.46 करोड़ पासपोर्ट तक की पासपोर्ट सेवा की यात्रा एम-पुलिस ऐप, पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके), जीपीएसपी सहित नवाचारों (इनोवेशन) द्वारा चिह्नित की गई है, जिसने देश के सबसे दूरदराज के हिस्सों में भी पासपोर्ट वितरण को अपेक्षाकृत तेज और परेशानी मुक्त बना दिया है।

‘एक्स’ पर एक पोस्ट में जयशंकर ने ‘सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण’ के स्तंभों के तहत पासपोर्ट सेवाओं में हुए बदलाव पर जोर दिया। उन्होंने इसे विकसित भारत के लक्ष्य को पाने का केंद्रीय जरिया बताया। उन्होंने कहा सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण शासन के तीन प्रमुख स्तंभ हैं, जो हमें विकसित भारत की ओर ले जाएंगे। ये सभी हमारे पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम में साफ तौर पर दिखाई देते हैं।
विदेश राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा ने 24 जून को आयोजित पासपोर्ट सेवा दिवस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने पासपोर्ट कार्यालयों के इनोवेटिव प्रयासों की भी सराहना की, जैसे कि पासपोर्ट कार्यालय में आदिवासी सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) आउटलेट, जो आदिवासी कल्याण, सौर संयंत्र और वर्षा जल संचयन संयंत्रों को बढ़ावा देते हैं। इस अवसर पर राज्य मंत्री ने पासपोर्ट वितरण सेवाओं की पहुंच और दक्षता बढ़ाने में उनके योगदान के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों और संगठनों को पुरस्कार भी प्रदान किए।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा इस मौके पर नागरिकों को तेज, सुरक्षित और परेशानी मुक्त पासपोर्ट सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से पासपोर्ट सेवा परियोजना संस्करण 2.0, ई-पासपोर्ट की शुरुआत, मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, लोक शिकायत निवारण तंत्र, सुरक्षा संबंधी मुद्दों आदि सहित कई मुद्दों पर उपयोगी विचार-विमर्श हुआ।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)
