न्यूयार्क न्यूज:भारत ने यूएन में मध्य-पूर्व की दीर्घकालिक शांति के लिए सुझाया ‘टू-स्टेट सॉल्यूशन

धारा लक्ष्य समाचार पत्र

न्यूयॉर्क। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में मध्य पूर्व के हालात पर चर्चा के दौरान क्षेत्र में जारी संघर्ष पर गहरी चिंता व्यक्त की है। भारत ने मध्य पूर्व में युद्धविराम लागू करने, मानवीय सहायता सुनिश्चित करने और बातचीत के माध्यम से शांति स्थापित करने पर जोर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पी. हरीश ने 23 जुलाई को यूएनएससी की त्रैमासिक खुली बहस में फिलिस्तीनी प्रश्न सहित मध्य पूर्व की स्थिति पर अपना वक्तव्य देते हुए दीर्घकालिक शांति के लिए ‘टू-स्टेट सॉल्यूशन’ की बात दोहराई।

भारतीय राजदूत ने गहरी चिंता जताते हुए कहा लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही हैं, बच्चों की पढ़ाई ठप है। वहां के हालात अत्यंत भयावह हैं। ऐसे में सिर्फ बीच-बीच में शांति का पालन करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि समस्या के पैमाने को देखते हुए ठोस और दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत का फिलिस्तीनी नागरिकों के साथ एक ऐतिहासिक और मजबूत संबंध रहा है। हरीश ने कहा भारत उन शुरुआती गैर-अरब देशों में शामिल था, जिसने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र स्टेट के रूप में मान्यता दी थी। भारत हमेशा से फिलिस्तीनी जनता के अधिकारों और उनकी आकांक्षाओं का समर्थन करता रहा है।

यूएन में भारत के स्थायी मिशन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर हरीश के संबोधन की एक वीडियो क्लिप साझा की है, जिसमें भारतीय राजयनिक ने कहा हमने न सिर्फ द्विपक्षीय सहायता के माध्यम से, बल्कि संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) जैसे संगठनों को सहयोग देकर भी फिलिस्तीनी लोगों की मदद की है।

भारत का रुख हमेशा से संतुलित रहा है और हम इस बात के पक्षधर हैं कि मध्य-पूर्व में शांति केवल दो-राष्ट्र समाधान (टू-स्टेट सॉल्यूशन) के माध्यम से ही लाई जा सकती है, जो संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार हो।

इस दौरान भारत ने फिलिस्तीन को दी जा रही मानवीय सहायता का भी उल्लेख किया, जिसमें दवाइयों, शिक्षा संसाधनों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और पुनर्वास कार्यों का योगदान शामिल है। इसके अलावा भारत ने सभी पक्षों से तत्काल हिंसा रोकने, अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का पालन करने और मानवीय सहायता को निर्बाध रूप से गाजा के लोगों तक पहुंचने देने की अपील की और साथ ही जितने लोगों को भी बंधक बनाया गया है, उन्हें रिहा करने की वकालत भी की।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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