आगराइट्स बोलें — पहलगाम में ‘नाम’ पूछकर की गई हत्याएं घिनोने आतंकवाद का नया चेहरा, जवाब अब जरूरी है, बस, — अब और नहीं, आइए मिलकर नयी एकता की शुरुआत करें।—-

भारत के सच्चे नागरिकों और अपने बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए आतंकवादी सोच और आतंक परस्त घर के भेदियों को आर्थिक रूप से मजबूत ना करें।”—- क्या हम इसी तरह चुप बैठे रहेंगे? क्या यह संभव है कि हम रोज़ की तरह आगे बढ़ जाएं, जैसे कुछ हुआ ही नहीं? शुरुआत अब हमें करनी होगी – आज, अभी, यहीं से नाम पूछो और आर्थिक रूप से और व्यवसायिक रूप से बहिष्कार करें।—-उपेंद्र सिंह आइए, हम सब मिलकर अब एक ठोस कदम उठाए ताकि आगे ऐसी बर्बर घटनाएं न होने…

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