Jaloun news: जब विचारधारा बिकती है, तो वंचितों का अधिकार छिनता है: शैलेन्द्र प्रताप याज्ञिक

वंचितों के वोट से विजय, फिर भी “वंचित समाज” आज भी हाशिए पर क्यों????? भारत के लोकतंत्र की बुनियाद “हम भारत के लोग” पर रखी गई थी — जहाँ हर नागरिक की बराबरी और भागीदारी सुनिश्चित होनी थी। परंतु आज यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या वास्तव में लोकतंत्र का उद्देश्य पूरा हो रहा है? क्या हाशिए पर खड़े समाज को केवल वोट बैंक बना कर छोड़ा जा रहा है?   बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का सपना था कि समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय मिले और…

Read More