नाक का लोकतंत्र: एक ऐतिहासिक ब्‍यंग

लोग बोलें — कुछ खास देशभक्त नेताजीयों की नाक अब केवल नाक नहीं रही—यह एक सांविधानिक संस्था, एक राष्ट्रीय धरोहर और एक राजनीतिक पथप्रदर्शक बन चुकी है।— इन देश हितेषी नाक को अब “राष्ट्रीय नाक” घोषित किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियां समझ सकें कि लोकतंत्र सिर्फ जनकल्याण से नहीं, बल्कि बयानबाज़ी और नाक की लंबाई से भी संचालित होता है।—- इसी विकासशील नाक अब एक जीवंत धरोहर हैं, जिन्होंने कभी भी ग़रीब जनता को भड़काऊ, गुमराहु और भ्रमित करने वाले बयान नहीं दिये और दिखावटी देशभक्ति की शान तथा…

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