चोरों के तांडव से ग्रामीणों में डर का माहौल पुलिस नहीं लगा पा रही है चोरों पर अंकुश।
जिला रिपोर्टर रोहित मिश्रा रायबरेली
महराजगंज/चंदापुर/रायबरेली: समय बदलने के साथ समाज में आपसी रिश्तों की कड़वाहट और दूरी बढ़ रही है। पहले गांवों और मोहल्लों में लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होकर सामाजिक समरसता को मजबूत करते थे। लेकिन अब हालात बदलते नज़र आ रहे हैं।इधर कुछ समय से गांवों में चोरी की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। कहीं यह अफवाह है तो कहीं वास्तविक घटनाएं भी सामने आ रही हैं। इससे ग्रामीणों के बीच भय और अविश्वास का माहौल पनप रहा है। जानकारों का कहना है कि, ऐसे समय में समाज को सबसे अधिक जरूरत आपसी सामंजस्य और सहयोग की है।
गांव के लोग यदि आपस में मिलकर रात्रि पहरा, चौपाल बैठकें और सामूहिक निर्णय लें तो चोरी जैसी घटनाओं या अफवाहों से आसानी से निपटा जा सकता है। यह सामूहिक एकता न केवल सुरक्षा को मजबूत करेगी बल्कि गांव में भाईचारे और विश्वास को भी बढ़ाएगी।ग्रामीण बुजुर्गों का मानना है कि, पहले समाज में यही परंपरा थी—किसी घर में संकट आए, तो पूरा गांव खड़ा हो जाता था। आज भी यदि यही परंपरा फिर से जीवित हो, तो गांव हर तरह की चुनौती का सामना करने में सक्षम है।
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क्षेत्र में बढ़ती चोरियों की घटनाओं पर अंकुश लगा पाने में असफल साबित हो रही है कोतवाली पुलिस। जबकि क्षेत्र में विगत दिनों हुई चोरियों की घटनाओं का खुलासा आज तक कोतवाली पुलिस नहीं कर पाई। जबकि बीते माह क्षेत्र के डेपारमऊ,पाली,कैर गांव में घटित हुई चोरी की घटनाओं में कोतवाली पुलिस ने तहरीर लेकर जांच कर पीड़ितों को संतुष्ट कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया और चोरी का खुलासा करने में एक बार फिर असफल रही स्थानीय पुलिस।
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न्यायप्रिय एवं तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक डॉक्टर यशवीर सिंह द्वारा रायबरेली जिले के लगभग सभी थानों को रात्रि गस्त व वाहन चेकिंग तथा गांवों में सुरक्षा समिति बनाकर लोगों को जागरूक करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इन सभी आदेशों व निर्देशों का पालन सही सुदृढ़ तरीके से नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते क्षेत्र में आए दिन चोरी वअनेकों प्रकार के अपराध घटित हो रहे हैं जिन पर अंकुश लगाने में असफल है स्थानीय पुलिस।
