छात्रों को मोदी की सीख : चुनौतियों का सामना करने से मिलती है सफलता

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने वहुप्रचलित कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा के दौरान छात्र-छात्राओं को जहां जीवन में सफलता का मंत्र दिया वहीं उन्हें जीवन में आगे बढ़ने तथा लीडर बनने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वे खुद को चुनौती दें, अपने अतीत को हराएं, वर्तमान में आगे वढ़ें। उन्होंने छात्रों से कहा कि वह सवाल करें, समझें, लागू करें और खुद से प्रतिस्पर्धा करते हुए अपनी असफलताओं को अवसरों में वदलें ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 8वें परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी) के दौरान सुंदर नर्सरी में लगभग 35 छात्रों से वातचीत करते हुए देशभर के छात्रों के साथ आनलाइन सवाद करते हुए कई विषयों पर चर्चा की। उन्होंने छात्र-परीक्षा पे चर्चा छात्राओं से जहां पोषण पर बात करते हुए पोषण के प्रति जागरूकता की बात करते हुए अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने का आह्वान किया।

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परीक्षा के दौरान दवाव से संबधित एक सवाल के जवाव में प्रधानमंत्री ने कहा कि 10वीं या 12वीं जैसी स्कूली परीक्षाओं में उच्च अंक नहीं लाना का मतलव जीवन वर्वाद हो जाना नहीं है। इससे बच्चों पर दवाव और बढ़ जाता है। उन्होंने क्रिकेट मैच में वल्लेवाज की गेंद पर एकाग्रता का हवाला देते हुए बच्चों को वल्लेवाज की तरह वाहरी दवाव से बचने के लिए प्रोत्साहित किया।

प्रधानमंत्री के मंत्र

भोजन को ठीक से चबायें व सही समय पर भोजन खायें, सेहत पर ध्यान दें।
■ अपने काम पर ध्यान केंद्रित करते हुए दबाव के लिए खुद को तैयार करना चाहिए।
सम्मान की मांग न करें, सम्मान प्राप्त करें। पढ़ाई समग्र विकास के लिए है, उन्हें अपने जुनून को तलाशने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
■ परीक्षाएं ही सब कुछ नही है, ज्ञान और परीक्षाएं एक ही चीज नही है।
■ लिखने की आदत विकसित की जानी चाहिए।
प्रत्येक छात्र की अनूठी प्रतिभा को खोजें ।

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