दिल्ली के कानून मंत्री कानून के शिकंजे में

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को दिल्ली कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा और अन्य लोगों के खिलाफ 2020 के दिल्ली दंगों में उनकी कथित संलिप्तता की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
इस आदेश के बाद, आम आदमी पार्टी ने कपिल मिश्रा को गिरफ्तार करने के साथ-साथ उनका इस्तीफा भी मांगा है।
पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पांच साल बाद भी दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की, और यह इससे बड़ी शर्मनाक बात और कोई नहीं हो सकती।

दिल्ली दंगे में कोर्ट को मिली कानून मंत्री की भूमिका

दरअसल, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने साल 2020 में हुए दिल्ली दंगों के मामले में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा पर मुकदमा दर्ज कर जांच का आदेश दिया है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर के आदेश का कोर्ट में विरोध किया, लेकिन अदालत ने कहा “दिल्ली पुलिस की ओर से उपलब्ध कराई गई सामग्री से पता चलता है कि घटना वाले दिन कपिल मिश्रा की मौजूदगी कर्दम पुरी इलाके में थी। इस दौरान एक संज्ञेय अपराध हुआ है, जिसकी जांच आवश्यक है।

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