अन्तिम सिंह रिपोर्ट
धारा लक्ष्य समाचार मोहम्मद सलीम
सिंगाही (खीरी)। सिंगाही मै हज़ार बर्क गिरें लाख आँधियाँ उठें वह फूल खिल कर ही रहेंगे जो खिलने वाले हैं यह शेर आज उस समय और भी सार्थक हो उठा जब उत्तर प्रदेश के छोटे से क़स्बे सिंगाही की होनहार बेटी हबीबा शेख ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का परचम लहराया जापान के टोक्यो शहर में आयोजित आईपी एंड इनोवेशन रिसर्चर्स ऑफ एशिया आईपीरा सम्मेलन में हबीबा शेख को अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाज़ा गया।

यह सम्मान उन्हें शैक्षणिक अनुसंधान और अकादमिक योगदान के लिए मिला है हबीबा शेख, जिनके पिता स्वर्गीय श्री मिसबाहुद्दीन एक रिटायर्ड प्रधान अध्यापक रहे हैं, ने अरबिया ज़मुर्रद फ़ातिमा मदरसे से शिक्षा की शुरुआत की थी उन्होंने आईआईटी खड़गपुर में शानदार प्रदर्शन कर अपना स्थान पक्का किया और अब वह एशिया के दस सबसे प्रतिभाशाली स्कॉलर्स में गिनी जाती हैं उनकी यह सफलता न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश और विशेषकर ग्रामीण इलाकों की बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
उन्होंने यह साबित किया है कि अगर अवसर और समर्थन मिले तो महिलाएं किसी भी ऊँचाई तक पहुँच सकती हैं हबीबा की यह उपलब्धि यह संदेश देती है कि शिक्षा ही महिलाओं को सशक्त बनाने का सबसे सशक्त माध्यम है। यह उपलब्धि न केवल उनके संघर्ष और मेहनत की जीत है, बल्कि एक उम्मीद है उन तमाम लड़कियों के लिए, जो अपने सपनों को पंख देना चाहती हैं।
