सुमित ओझा मर्डर केस में पुलिस के खुलासे में छेद ही छेद

  1. डीएम से मिले परिजन, पुलिस पर लगाया मुख्य आरोपी को बचाने का आरोप

धारा लक्ष्य समाचार

बाराबंकी। पुलिस जिसको चाहे अपराधी बना दे और और अपराधी को बेकसूर, जिसका ताजा उदाहरण केवाड़ी की घटना है, पुलिस से जल्द बाजी में खुलासा तो कर दिया लेकिन उसके खुलासे में छेद ही छेद नजर आ रहे है।
सफेदाबाद क़स्बे के केवाड़ी मोड़ के पास बीती 30 मार्च को हुए सुमित ओझा मर्डर केस में नया ट्विस्ट आ गया है। मंगलवार को डीएम बाराबंकी शशांक त्रिपाठी से मिलने पहुंचे मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मुख्य आरोपी को बचाने का आरोप लगाते हुए पुलिस द्वारा किए गए मर्डर केस के खुलासे पर सवाल उठाए है। परिजनों ने डीएम से घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज दिलाने और मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
आपको बताते चले कि बीती 30 मार्च को नगर कोतवाली के केवाड़ी मोड़ पर थार जीप में स्क्रेच लगने को लेकर हुए विवाद में थार सवार युवकों ने लखनऊ निवासी सुमित ओझा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने 1 अप्रैल को सफेदाबाद निवासी सत्येंद्र गोस्वामी व गोण्डा निवासी उसके रिश्तेदार अनूप गोस्वामी को गिरफ्तार कर आरोपियों के कब्ज़े से थार जीप व घटना में प्रयुक्त .32 बोर की देशी रिवाल्वर बरामद करने का दावा किया था।
मंगलवार को जिलाधिकारी बाराबंकी से मिलने पहुंचे मृतक सुमित ओझा के परिजनों ने पुलिस के इस खुलासे को कटघरे में खड़ा कर दिया है। परिजनों का आरोप है कि सुमित की हत्या रोडरेज में नही बल्कि सुनियोजित षड्यंत्र के तहत की गई है। परिजनों का आरोप है की पुलिस की कस्टड़ी में मौजूद मृतक का मोबाइल 30 मार्च से 4 अप्रैल तक इस्तेमाल किया गया है। साथ ही उसका सारा डेटा भी डिलीट किया गया है। जोकि स्पष्ट षडयंत्र की ओर इशारा करता है।
वही परिजनों ने पुलिस पर मुख्य आरोपी को बचाने के भी आरोप लगाए है। उनका आरोप है कि थार जीप और जिस लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर हत्या की गई वो जागेंद के नाम है लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार नही किया है। उसे बचाने के लिए ही पुलिस ने लाइसेंसी पिस्टल की जगह अवैध असलहे की बरामदगी दिखाई है। जबकि असली आरोपी का अपराधिक इतिहास है जो पुलिस के सिस्टम में आकर अपने आप को बचा रहा है।
परिजनों ने डीएम से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने के साथ ही घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज दिलाने की मांग की है। परिजनों का कहना है कि अपने बच्चे को न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी रहेंगे, जरूरत पड़ी तो डीजीपी से भी मिलकर न्याय की मांग की जाएगी।

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