धारा लक्ष्य समाचार
आवंकित श्रीवास्तव
प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश के बाद सरकारी दफ्तरों में दलालों के खिलाफ अभियान चलाया गया था जिससे इन दफ्तरों में दलालों की संख्या तो कम हुई है।
लेकिन फिर भी कुछ दलाल अब भी सक्रिय हैं. बहराइच के आरटीओ ऑफिस में दलाल राज कायम है दलालों का राज आरटीओ ऑफिस के बाहर इतना बड़ा है।
कि इन दलालों की संख्या पहले 10–20 से बढ़कर अब सैकड़ों में हो गई है. करीब 100 से अधिक दलाल हमेशा यहां पर डटे रहते हैं और जैसे ही कोई उपभोक्ता अपना काम करने आरटीओ कार्यालय में आता है वैसे ही अंदर बैठे बाबू चक्कर लगवाते हैं।

क्योंकि उनको तभी फायदा होगा जब उपभोक्ता का काम एक दलाल के जरिए उनके पास आएगा. आखिर में उपभोक्ता परेशान होकर दलाल के चंगुल में जा फंसता है और जहां पर जो काम चंद रुपये में हो सकता है वहां उसके हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं.
आरटीओ ऑफिस के बाहर बैठे एक दलाल के पास जाकर जब फोर व्हीलर का लाइसेंस बनवाने का काम बताया गया तो उसने बाकायदा अपनी रेट लिस्ट दिखाई।
उसने पहले कहा कि 1500 रुपये में आपका लर्निंग होगा, जब परमानेंट लाइसेंस बनवाने की बात आई और कहा गया कि गाड़ी चलानी भी नहीं आती है तो दलाल ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है. उसने कहा कि आपको साढ़े 5 हजार रुपये देने होंगे।
दलाल ने तो यहां तक कह दिया कि आप सिर्फ अपनी बायोमेट्रिक करवा लीजिए बाकी सारा काम हम देख लेंगे. ऐसी स्थिति में ये समझना मुश्किल नहीं कि यहां पर दलालों की मंडी किस तरह उपभोक्ताओं को नोच कर खा रही है।
अगले दलाल के पास जाकर पता किया गया तो उसने बताया कि लर्निंग लाइसेंस के भाव 1500 रुपए है. वहीं अगर फोर व्हीलर का लाइसेंस परमानेंट करवाना है तो उसके लिए छह हजार रुपए देने पड़ेंगे. खास बात यह थी ।
कि यह अपनी रेट लिस्ट इस तरह बता रहा था जैसे एक दुकानदार अपने सामान की रेट लिस्ट बताता है. इतना बड़ा खेल आरटीओ ऑफिस में चल रहा है कि जिसमें उपभोक्ता को सहूलियत की जगह परेशानी हो रही है.
