धारा लक्ष्य समाचार मोहम्मद सलीम
लखीमपुर (खीरी)।सिंगाही कस्बे में पशुपालकों की उम्मीदें तब टूट गईं जब यहां तैनात एकमात्र पशु चिकित्सक का स्थानांतरण हो गया। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इस स्थानांतरण के बाद अब तक किसी भी चिकित्सक की नियुक्ति नहीं की गई है। पशु चिकित्सालय अब वीरान पड़ा है।

और मवेशियों की देखभाल के लिए कोई विशेषज्ञ मौजूद नहीं है स्थानीय लोगों का कहना है कि पशुपालन उनकी आजीविका का मुख्य आधार है बीमार मवेशियों का समय पर इलाज न हो पाने से उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ रहा है इलाज के लिए उन्हें कई किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है जहां न तो समय से डॉक्टर मिलते हैं और न ही ज़रूरी दवाइयाँ ग्रामीणों में गुस्सा साफ देखा जा सकता है
हमारे जानवर बीमार पड़ें तो उन्हें लेकर कहाँ जाएँ प्रशासन को क्या हमारी समस्याएँ दिखाई नहीं देतीं ये सवाल हर पशुपालक की ज़ुबान पर हैं यह स्थिति केवल एक कस्बे की नहीं, बल्कि उस प्रशासनिक लापरवाही की तस्वीर है जो ग्रामीण भारत की बुनियादी ज़रूरतों को नजरअंदाज़ कर रही है अब देखना यह है कि स्थानीय प्रशासन कब जागता है और इस गंभीर समस्या का समाधान करता है।
