धारा लक्ष्य समाचार
हैदरगढ़, बाराबंकी। अपनी मूल भाषा के उत्थान तथा व्यवहारिक रूप में अधिकाधिक उपयोग से ही अपनी संस्कृति और संस्कारों को बचाया जा सकता है। अवधी वर्तमान समय में किसी परिचय की मोहताज नहीं है आज यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रही है। उक्त बात अवधी साहित्य के साझा संकलन ” चितैरयि अवधी कयि ” के रविवार को कस्बा स्थित सालिकराम इंस्टीट्यूट सभागार में विमोचन अवसर पर वक्ताओं ने कही।
मधुरस कला समन्वय समिति अमेठी द्वारा प्रकाशित व वेद प्रकाश सिंह प्रकाश द्वारा सम्पादित साझा संकलन चितैरयि अवधी कयि में अवधी साहित्य के चौबीस मूर्धन्य साहित्यकारों की सर्वश्रेष्ठ रचनाएं प्रकाशित हैं।

वरिष्ठ साहित्यकार डा सत्यदेव प्रसाद द्विवेदी पथिक की अध्यक्षता में आयोजित विमोचन समारोह का संचालन प्रवीण त्रिपाठी ने किया। समारोह के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त शिक्षाविद् माता प्रसाद अवस्थी रहे। जबकि इन्द्र बहादुर सिंह भदौरिया इन्द्रेश डा विद्या सागर मिश्र सागर अति विशिष्ट कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया , एस पी सिंह चौहान विशिष्ट तो सुनील वाजपेयी शिवम् व संत प्रसाद जिज्ञासु अभ्यागत अतिथि रहे।
विमोचित साझा संकलन चितैरयि अवधी कयि में कृष्ण कुमार अवस्थी श्याम, राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल अमरेश, कृष्ण कुमार सिंह कन्हपुरिया, जे पी तिवारी, शिव कुमार सिंह शिव, दुर्गा शंकर वर्मा दुर्गेश, शिव नाथ सिंह शिव, राम शंकर सिंह, श्रीमती सुधा सिंह सुधा, रमजान अली सफीर, दिलीप कुमार सिंह दीपक, सुशील चन्द्र पाण्डेय, डा कण्व कुमार सिंह इश्क सुल्तानपुरी, अवधेश कुमार अवधेश, फतेह बहादुर सिंह कसक, कृष्ण कुमार सिंह कान्ह,सौरभ वर्मा स्माइल, सत्यनाम केवट प्रेमी, डा सत्यदेव प्रसाद द्विवेदी पथिक, विद्या सागर मिश्र सागर, इन्द्र बहादुर सिंह भदौरिया, ज्ञानेंद्र पाण्डेय अवधी मधुरस व वेद प्रकाश सिंह प्रकाश सहित चौबीस कवियों की श्रेष्ठ रचनाएं शामिल हैं।
