पहलगाम नरसंहार: जो अभी भी तरक्की करते देश में जातिवाद और भ्रमित राजनीति का गंदा खेल खेलना चाहते हो, तो खूब खेलो मगर इतना समझ लो —- राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना

“इस्लामिक आतंकियों ने पहलगाम में आए मासूम निर्दोष पर्यटकों को घेर लिया — न उन्होंने जाति पूछी, न राज्य, न भाषा, न विचारधारा, न ये देखा कि कोई ठाकुर है, पंडित है, बनिया है या दलित है।”—-राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना

“न ये देखा कि कोई हिंदी भाषी है या तमिल, मराठी, बंगाली बोलने वाला! न ये जाना कि कोई भाजपा का समर्थक है या विपक्षी दलों का।”—— राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना

चोरों की तरह आएं कायर इस्लामिक आतंकियों ने सिर्फ निर्दोष और मासूम का नाम पूछा, धर्म देखा और बैरहमी से गोली मार दी!—-राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना

राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना की देशहित में अपील —– अब जाति, भाषा और भ्रमित राजनीति में ना उलझो, राष्ट्रहित में काम करें।——

केन्द्र सरकार शीघ्र ही जम्मू-कश्मीर की सियासत को बर्खास्त कर वहां राष्ट्र‌पति शासन लागू किया जाएं जल्द से जल्द पाक को नापाक हरकत का जबाब दिया जाए।—–

साथ ही ऐसे देश के गद्दार नेताओं को भी चिन्हित किया जाए जो इतने बड़े आतंकी हमले के बाद भी तुष्टिकरण की ओछी राजनीति कर रहे हैं।——

आगरा, संजय साग़र सिंह। पहलगाम में इस्लामिक आतंकियों द्वारा की गई मासूम निर्दोष पर्यटकों की हत्याएं जितनी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं, इनके पीछे से झांकती जहरीली और विनाशकारी मानसिकता उतनी ही खतरनाक है, इस कायरता और धोखे का शीघ्र और मुंहतोड़ जवाब देना बहुत जरूरी है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति शोक संवेदनाएं एवं दिवंगत आत्माओं को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना ने देशहित में सभी से विनम्र आग्रह करते हुए कहा कि जो अभी भी तरक्की करते देश में जातिवाद, भाषावाद और भ्रमित राजनीति का गंदा खेल खेलना चाहते हो, तो खूब खेलो मगर इतना समझ लो, चोरों की तरह आएं धोखेबाज कायर इस्लामिक आतंकियों ने सिर्फ निर्दोष और मासूम पर्यटको का नाम पूछा, धर्म देखा, और बैरहमी से गोली मार दी!

देश हित में, हमारी सभी से अपील हैं की अब जाति, भाषा और भ्रमित राजनीति में ना उलझो, राष्ट्रहित में काम करें। केन्द्र सरकार शीघ्र ही जम्मू-कश्मीर की सियासत को बर्खास्त कर वहां राष्ट्र‌पति शासन लागू किया जाएं जल्द से जल्द पाक को नापाक हरकत का जबाब दिया जाए साथ ही ऐसे देश के गद्दार नेताओं को भी चिन्हित किया जाए जो इतने बड़े आतंकी हमले के बाद भी तुष्टिकरण की ओछी राजनीति कर रहे हैं।

इस अत्यंत संवेदनशील विषय पर राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना ने कहा, अपना देश ज़ब आगे बढ़ने की राह पर है, कुछ अपने ही देश में रहने वाले लोग अब भी जातिवाद, भाषावाद और भ्रमित राजनीति का गंदा खेल खेल रहे हैं। पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को जो हुआ, उसने इन सब की दिखावटी पहचान को चकनाचूर कर दिया है।

उन्होंने आगे कहा, “इस्लामिक आतंकियों ने पहलगाम में आए मासूम निर्दोष पर्यटकों को घेर लिया — न उन्होंने जाति पूछी, न राज्य, न भाषा, न विचारधारा, न ये देखा कि कोई ठाकुर है, पंडित है, बनिया है या दलित है। न ये देखा कि कोई हिंदी भाषी है या तमिल, मराठी, बंगाली बोलने वाला। न ये जाना कि कोई भाजपा का समर्थक है या विपक्षी दलों का।

राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना बताया कि इस्लामिक आतंकियों ने सिर्फ़ एक सवाल पूछा – तुम्हारा नाम क्या है? अगर नाम से पुष्टि नहीं हुई, तो पेंट उतरवाया गया, और देखा गया – खतना हुआ या नहीं और जिस पहलगाम की वादियों में कुछ ही देर पहले रौनक थी, वहां गोलियों की आवाजें गूंजने लगीं। आतंकियों ने चुन-चुनकर सिर्फ उन्हीं को मारा — जो हिंदू थे या हिंदुओं की मदद कर रहे थे। 27 मासूम, निर्दोष लोग मारे गए और कई घायल हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि “उनका गुनाह सिर्फ एक था – उनका हिन्दू धर्म और इसके बावजूद भी, कुछ आतंक के हिमायती बुद्धिजीवी आज भी कहते हैं – “आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता”। क्या अब भी? क्या पहलगाम की लाशें चीख-चीखकर ये नहीं कह रहीं कि हां, हिन्दू धर्म देखा गया था – और सिर्फ उसी आधार पर हिन्दुओं को मारा गया था। तो अब फैसला आपका है –क्या आप अब भी जातियों में बंटे रहेंगे?

भाषा, प्रांत और भ्रमित राजनीति की दीवारों में उलझे रहेंगे? या समझेंगे कि चोरों कि तरह कायर दुश्मन जब आप के दरवाजे तक आएगा, तो न वो आपका सरनेम देखेगा, न आपकी जाति — वो देखेगा सिर्फ हिन्दू धर्म। इसलिए अब समय आ गया है — जात-पात छोड़कर एकजुट हो जाओ, भारतीय बनों, हिन्दू बनों क्योंकि “जहां न्याय और धर्म है, वहीं सत्य और विजय है।”

पहलगाम हमले में शहीद हुए 27 निर्दोषों को श्रद्धांजलि देते हुए राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना ने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा कि इस देश के सभी हिन्दू इस कड़वे सत्य को समझें —ताकि अगली बार कोई और पहलगाम न हो। सच्चाई को मत छिपाओ – साझा करो, जागरूक बनो, एकजुट रहो। जय हिन्द!

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