ग्रामीण क्षेत्रों में प्रातः सात बजे से दोपहर तक लगातार होनी चाहिए विद्युत आपूर्ति
क्यों नहीं किया जा रहा साढ़े सात से बारह बजे तक विद्यालयों का समय
बाराबंकी। अप्रैल के महीने में ही मई-जून जैसी गर्मी पड़ रही है। ऊपर से तेज़ गर्म हवाओं ने लोगों को बारह बजे के बाद घर में ही रहने के लिए मजबूर कर दिया है।
लेकिन अब तक बाराबंकी में परिषदीय बच्चों को दो बजे तक स्कूलों में रहना पड़ रहा है। एक ओर तो धूप और लू से बच्चों और शिक्षकों को परेशानी वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों क्षेत्रों में बिजली भी (ख़ास कर विद्यालयों के संचालन समय में)नदारद रहती है।वहीं शिक्षकों को भी दो बजे के बाद विद्यालयों से निकलकर पचास साठ किलोमीटर दूर तक अपनी-अपनी बाईक तथा अन्य सवारियों से आना-जाना पड़ता है।

जबकि गर्मी और लू भी अपने तेवर दिखाने में ज़ोर पर ज़ोर लगाए हुए है।
इस बाबत तमाम शिक्षक नेताओं का कहना है कि कई बार विद्यालयों का समय परिवर्तन कर सुबह साढ़े सात से बारह बजे तक किए जाने के लिए शासन प्रशासन तक ज्ञापन पत्र सौंपा जा चुका है।
अब तक कितने ही बच्चे और शिक्षक इस क़हर बरसाती धूप और लू का शिकार हो चुके हैं। यदि कोई बच्चा गर्मी और लू से बीमार हो जाता है,तो उसका ठीकरा भी बच्चे के परिजन और गांव वाले शिक्षकों के सर ही फोड़ देते हैं।
शिक्षक नेता अभिषेक सिंह, राकेश सिंह, आशुतोष कुमार वर्मा, एम.आई नादिम,अरुणेंद्र वर्मा,पवन कुमार वर्मा,अशोक सिंह, एख़लाक़ अहमद सहित तमाम शिक्षकों की मांग है कि बच्चों तथा शिक्षकों के हित में विद्यालयों का समय परिवर्तन करते हुए सुबह साढ़े सात बजे से बारह बजे तक का समय कर दिया जाए।
