बाराबंकी के ओसानेश्वर महादेव मंदिर में करंट फैलने से भगदड़: दो श्रद्धालुओं की मौत, तीन दर्जन से ज्यादा घायल सावन के तीसरे सोमवार पर हादसा, मंदिर परिसर में पहले से मौजूद थी पुलिस फोर्स तैनात
बाराबंकी, 28 जुलाई 2025:
सावन के तीसरे सोमवार को जिले के हैदरगढ़ क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध अवसानेश्वर महादेव मंदिर में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब जलाभिषेक के दौरान अचानक करंट फैलने से भगदड़ की स्थिति बन गई। इस हृदयविदारक हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि लगभग 38 लोग घायल हो गए हैं। मृतकों में थाना लोनीकटरा के मुबारकपुरा गांव निवासी 22 वर्षीय प्रशांत और एक अन्य श्रद्धालु शामिल हैं, जिनकी मृत्यु त्रिवेदीगंज सीएचसी में इलाज के दौरान हुई।
कैसे हुआ हादसा:
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह घटना सुबह करीब 3 बजे उस समय हुई जब भारी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए मंदिर परिसर में एकत्रित थे। बताया जा रहा है कि एक बंदर बिजली के तार पर कूद गया, जिससे तार टूटकर मंदिर परिसर के टीन शेड पर गिर गया। तार के गिरते ही उसमें से करंट शेड में फैल गया, जिससे वहां मौजूद लोग दहशत में आ गए और भगदड़ मच गई।
घायलों का इलाज जारी:
हादसे के तुरंत बाद घायलों को त्रिवेदीगंज और हैदरगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचाया गया।
त्रिवेदीगंज सीएचसी में कुल 10 घायलों को लाया गया, जिनमें से 5 को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
हैदरगढ़ सीएचसी पर 26 घायलों का इलाज चल रहा है, जिनमें से एक को गंभीर स्थिति में रेफर किया गया है।

प्रशासन अलर्ट पर:
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक अपूर्व विजयवर्गीय सहित आला अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया। पूरे मंदिर क्षेत्र की निगरानी बढ़ा दी गई है, और घटना की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
स्थिति सामान्य, श्रद्धालुओं में फिर से भरोसा:
हादसे के बाद कुछ समय के लिए मंदिर परिसर और आसपास के इलाके में दहशत का माहौल रहा, लेकिन प्रशासन और पुलिस की त्वरित कार्रवाई के चलते स्थिति पर काबू पा लिया गया। अब मंदिर में दर्शन-पूजा का क्रम सामान्य रूप से चल रहा है और श्रद्धालु कतारबद्ध होकर भगवान शिव का अभिषेक कर रहे हैं।
विशेष जानकारी:
हादसे के समय मंदिर में सावन सोमवार के कारण भीड़ सामान्य से कई गुना अधिक थी।
प्रशासन की ओर से सभी घायलों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है।
मंदिर समिति और प्रशासन मिलकर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं, जिससे भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।
यह हादसा श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी व्यवस्था में लापरवाही का संकेत देता है। प्रशासन से उम्मीद की जाती है कि वह इस घटना से सबक लेते हुए भीड़ प्रबंधन, विद्युत सुरक्षा और आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को और मज़बूत करेगा
