Barabanki: हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट की कार्यपद्धति में सुधार की मांग

जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया ज्ञापन

धारा लक्ष्य समाचार बाराबंकी। हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट की कार्यपद्धति में सुधार की मांग को लेकर अधिवक्ता परिषद ने जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के माध्यम से भारत की राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट के चीफजस्टिस को ज्ञापन भेजा।

ज्ञापन में कहा गया है हायर जुड़ीशियरी, हाई कोर्ट/सुप्रीम कोर्ट की एकाउंटबेल्टी भी नियत की जानी चाहिए। यही नहीं हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट की कार्यपद्धति में व्यापक सुधार की आवश्यकता आ गई है।

इस सम्बंध में अधिवक्ता परिषद के जिलाध्यक्ष कौशल किशोर त्रिपाठी एडवोकेट ने बताया कि उच्च न्यायिक सेवा का कंपटीशन पास करने वाले जो लोग अपर जिला जज / जिला जज जैसे पदों का दायित्व निभाते हैं उन्हे 60 साल की उम्र में सेवामुक्त किया जाता है,जब कि हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जी को 62 वर्ष में रिटायर किया जाता है तथा सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति को 65साल में रिटायर्ड किया जाता है। यह विसंगतियां दूर हो ने की जरूरत है।

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष सिंह ने कहा कि रिटायरमेंट का मानक समान होना चाहिए,उन्होंने कहा कि अगर यह मानक है कि 60 साल में सेवा से रिटायर होना जरूरी है तो 62 व 65 वर्ष तक की आयु के लोगों से काम लेना कहां तक जायज है, इन सब बातों की जिम्मेदारी तय होनी ही चाहिए।अधिवक्ता परिषद के वरिष्ट उपाध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के न्यायुमूर्तिगण को अपनी अपनी आय की प्रतिवर्ष घोषणा करनी चाहिए।

अधिवक्ता परिषद के महामंत्री सचिन प्रताप सिंह ने कहा की मनमानी कोलेजीएम व्यवस्था में सुधार आवश्यक है। ज्ञापन देने वालों में कोषाध्यक्ष रवि रंजन श्रीवास्तव, जिला बार एसो महामंत्री अशोक वर्मा, विष्णु प्रताप सिंह, शुभम मिश्रा, पवन मिश्रा, सुनीत अवस्थी, प्रवीण कुमार, धीरेन्द्र भदौरिया, अदम प्रताप सिंह, अरुण त्रिपाठी, अंजली यादव ,सीवी सिंह, राकेश तिवारी, मदन यादव आदि अधिवक्ता उपस्थिति रहे।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Dhara Lakshya samachar के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...

Related posts