अधेड़ महिला को 20 साल के लड़के से हुआ प्यार,बहू ने रोमांस करते हुए पकड़ा तो घर से भाग गई
शाहजहांपुर।शायद किसी ने सच ही कहा है,इश्क की उम्र नहीं होती,ना ही दौर होता है,इश्क तो इश्क है,जब होता है बेहिसाब होता है।उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अधेड़ उम्र की महिला को 20 साल के लड़के से प्यार हो गया।
महिला के 9 बच्चे और दो पोता-पोती हैं,जब बहू ने सास को रंगरेलियां मनाते हुए पकड़ा तो उसने घर पर इस बारे में बताया,घर वालों ने विरोध किया तो वो आशिक की खातिर घर से भाग गई।अब वो पति और बच्चों के पास वापस नहीं जाना चाहती,अपने 20 साल के आशिक के साथ ही रहना चाहती है।
आशिक की उम्र महिला के बड़े बेटे की उम्र से भी कम है,वो पेशे से मेहंदी लगाने का काम करता है,उसकी भी 6 मई को शादी होनी है,लेकिन शादी से पहले ही दादी की उम्र वाली उसकी प्रेमिका ने नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है,महिला की जिद से परिवार,गांव वाले और खुद आशिक भी परेशान हो गया है,महिला इस रिश्ते का विरोध करने वालों को आत्महत्या की धमकी भी दे रही है।
मामला शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद तहसील क्षेत्र के एक गांव का है।नौ बच्चों की मां का मेहंदी लगाने वाले 20 साल के एक लड़के पर दिल आ गया।महिला अब अपने आशिक के साथ रहने की जिद पर अड़ गई है। एक हफ्ते पहले महिला अपने आशिक के घर पहुंच गई थी,किसी तरह परिवारवालों ने उसे बुलाया और तब यह मामला पुलिस के पास पहुंचा।
बताया जा रहा है कि पुलिस के सामने भी हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ।पता चला कि महिला दो बेटों और एक बेटी की शादी भी हो चुकी है,उसके एक बेटे के भी दो बच्चे हैं,जिस मेंहदी लगाने वाले आशिक से महिला अपने प्रेम का दावा कर रही है उसकी भी शादी तय हो चुकी है,छह मई को उसकी बारात जानी है, आशिक महिला के पड़ोस के ही एक गांव का रहने वाला है।उसका महिला के गांव में आना-जाना था, इसी के चलने दोनों के बीच संबंध हो गया।
महिला का पति ईंट-भट्ठे पर काम करता है,उसका कहना है कि एक दिन उसने और उसकी बहू ने पत्नी को उस युवक के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया,सबने इस पर एतराज किया,लेकिन वो और उसके आशिक का रिश्ता जारी रहा। दोनों अक्सर साथ-साथ दिखने लगे।पति का कहना है कि इस पर हम और बेटे ने सख्ती की तो 29 अप्रैल को दो छोटे बच्चों को साथ लेकर वो अपने आशिक के साथ चली गई।
परिवार वालों के मुताबिक काफी समझाने-बुझाने पर महिला अपने आशिक के साथ गांव में लौट तो आई,लेकिन घर में रहने को तैयार नहीं हुई। इसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा,सभी ने महिला को समझाने की कोशिश की,लेकिन वह नहीं मानी।
महिला की जिद के आगे आशिक भी परेशान दिखा। उसने बताया कि वह अपने काम से बरेली गया था,महिला वहां भी पहुंच गई थी। आशिक ने कहा कि महिला ने उसे आत्महत्या की धमकी दी और साथ लेकर गांव आई। वहीं पुलिस का कहना है कि मामले में अभी तक किसी ने कोई तहरीर नहीं दी है।
20 हजार घूस लेने वाली घूसखोर महिला दरोगा बर्खास्त,सात साल जेल में है बंद
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में महिला दरोगा अमृता यादव को 20 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने और अदालत से सात साल की सजा मिलने के बाद नौ साल बाद बर्खास्त कर दिया गया। महिला दरोगा ने मुकदमे से दुष्कर्म की धारा हटाने के लिए में 20 हजार रुपये की घूस ली थी।हाल में महिला दरोगा की तैनाती बागपत में चल रही है।फिलहाल चौधरी चरण सिंह जेल में सजा काट रही है।कोतवाली की बुढ़ाना गेट चौकी पर प्रभारी रहते हुए घूस ली थी।
दहेज उत्पीड़न-दुष्कर्म का दर्ज कराया था मुकदमा
कोतवाली क्षेत्र के करमअली के रहने वाले अना मजहर ने 28 अप्रैल 2017 को पति समीर निवासी सीकरी रोड मोदीनगर, गाजियाबाद के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था।समीर ने मुकदमे में दुष्कर्म और कुकर्म की फर्जी नामजदगी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट से गिरफ्तारी स्टे ले लिया।
इसके बाद भी दारोगा अमृता यादव गिरफ्तारी का दबाव बनाती रहीं। आठ जून 2017 को बुढ़ाना गेट चौकी पर अमृता ने मुकदमे से धारा 376 और 377 हटाने के लिए एक लाख रुपये मांगे।सौदाबाजी कर 20 हजार में धारा हटाना तय हो गया। समीर ने इस बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली।
20 हजार घूस लेती पकड़ी गई थी महिला दरोगा
इसके बाद एंटी करप्शन की टीम को सूचना दी गई। 13 जून को एंटी करप्शन ने अमृता यादव को 20 हजार रुपए की घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।पुलिस ने महिला दरोगा के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया।
उसके बाद सुनवाई में पुलिस की मजबूत पैरवी से महिला दारोगा को 5 सितंबर 2024 को सात साल की सजा और 75 हजार का जुर्माना लगाया गया।उसके बाद विभागीय जांच में डीआइजी कलानिधि नैथानी ने नियमावली-1991 के नियम-8 (2) (क) के अंतर्गत महिला दारोगा को पद से मुक्त करने के आदेश जारी किए।
भ्रष्टाचार के सभी मुकदमों की पैरवी के दिए आदेश
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने बताया कि महिला दरोगा अमृता यादव काे अदालत ने दोषमुक्त कर दिया था।इनका पुलिस में रहना विभाग की छवि को धूमिल करता है,इस प्रकार का निन्दात्मक आचरण करना इनकी स्वेच्छाचारिता, अनुशानहीनता एवं गम्भीर कदाचार को दर्शाता है, जो आम जनमानस के मन में प्रतिकूल प्रभाव डालता है।यदि इस प्रकार के आचरण वाले पुलिसकर्मी को विभाग में बनाए रखा जाता है।
तो इसका कुप्रभाव अन्य पुलिसकर्मियों पर भी पड़ेगा एवं पुलिस बल में नियुक्त अन्य पुलिसकर्मियों में भी इस प्रकार नैतिक अधमता की भावना प्रबल होगी। कलानिधि नैथानी ने कहा कि यदि कोई पुलिसकर्मी इस तरह के अति गंभीर अपराध में पकड़ा जाता है एवं न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध भी किया जाता है ।
तो उसको सेवा से बर्खास्त भी किया जायेगा। बता दें कि कि डीआईजी कलानिधि नैथानी ने भ्रष्टचार निवारण सम्बन्धित शेष प्रकरण का शीघ्र निस्तारण और उनमें शीघ्र सजा कराने के निर्देश दिए।
अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे सीएम योगी,प्रोजेक्ट पूरा करने के दिए निर्देश,8 सालों से पड़ा है बंद

लखनऊ।राजधानी लखनऊ में आठ सालों से बंद पड़ा जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर जल्द ही आम लोगों के लिए खुल जाएगा।पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने का निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं।सीएम ने जेपी इंटरनेशनल सेंटर प्रोजेक्ट को लखनऊ विकास प्राधिकरण को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है।इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में 150 करोड़ रुपए खर्च होगा।
बताते चलें कि सपा सरकार में महत्वाकांक्षी जेपी इंटरनेशनल प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। 2017 में योगी सरकार के बनने के बाद ये प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार के आरोप में घिर गया और इस प्रोजेक्ट के निर्माण पर रोक लग गई थी,लेकिन अब सीएम योगी ने इस प्रोजेक्ट को एलडीए को ट्रांसफर कर दिया है और इसके संचालन का जिम्मा सौंपा है।
जेपी इंटरनेशनल प्रोजेक्ट की शुरुआत 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की थी। 19 मंजिला या कन्वेंशन सेंटर गोमतीनगर में है,इसका निर्माण दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर के तर्ज पर करवाया गया है,इसमें 2000 क्षमता वाला कन्वेंशन हॉल,प्रदर्शनी हॉल,ओपन एयर थिएटर,अत्याधुनिक जिम के साथ ही हैलीपैड की सुविधाएं भी शामिल है।
जेपी इंटरनेशनल प्रोजेक्ट के शिलान्यास के बाद निर्माण कार्य तेजी से शुरू हुआ,लेकिन 2017 में योगी सरकार आने के बाद ये प्रोजेक्ट विवादों में घिर गया,इस प्रोजेक्ट में कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगे। कहा गया कि प्रोजेक्ट के फंड में हेराफेरी की गई।इतना ही नहीं निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया,जिसके बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए तब से यह प्रोजेक्ट ठप पड़ा हुआ था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताने वाले केस को बंद कर दिया है। कोर्ट ने कहा- राहुल की नागरिकता की रिपोर्ट केंद्र सरकार पेश नहीं कर पाई।
कोर्ट ने कहा- केवल रिपोर्ट के इंतजार में याचिका को लंबित नहीं रखा जा सकता। जब भी रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्राप्त होती है, तो याचिकाकर्ता को उसकी एक प्रति उपलब्ध कराएं और उसे कोर्ट में भी प्रस्तुत करें।
केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि यह मामला दो देशों के बीच की संवेदनशील जानकारी से जुड़ा है। संबंधित देश को कई रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है, इसलिए कुछ और समय दिया जाए।
14 आईपीएस अफसरों के तबादले
मोहित गुप्ता बने गृह सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ।
अजय कुमार साहनी बने डीआईजी बरेली रेंज।
वैभव कृष्ण बने डीआईजी वाराणसी रेंज।
अभिषेक सिंह बने डीआईजी सहारनपुर रेंज।
राजकरण नायर बने एसएसपी गोरखपुर।
डॉक्टर गौरव ग्रोवर बने एसएसपी अयोध्या।
संजय कुमार बने एसएसपी मुजफ्फरनगर।
अनूप कुमार सिंह बने एसपी फतेहपुर।
बृजेश कुमार श्रीवास्तव बने एसएसपी इटावा।
राजेश कुमार द्वितीय बने एसपी कौशांबी।
धवल जायसवाल बने डीसीपी गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट।
सत्यजीत गुप्ता बने डीसीपी कानपुर पुलिस कमिश्नरेट।
संदीप कुमार मीणा बने एसपी संतकबीर नगर।
लक्ष्मी निवास मिश्र बने एसपी रेलवे गोरखपुर।
