धारा लक्ष्य समाचार पत्र
उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवम समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986 (गैंगस्टर एक्ट )के 02 आरोपियो को 02 वर्ष के कठोर कारावास एवं ₹ 5000 / हजार रुपए जुर्माने की सजा से न्यायालय द्वारा दंडित किया गया। अर्थदंड अदा न करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।।।
बांदा। विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट सौरभ सिंह ने बताया कि जनपद के थाना बबेरू के प्रभारी निरीक्षक भास्कर मिश्रा ने 19 मई 2021 को प्राथमिकी दर्ज कराई कि कामता उर्फ़ कमतू पुत्र मैयादीन और गरीबदास उर्फ़ मुन्ना पुत्र रामऔतार निवासीगण ग्राम गौरा मजरा जलालपुर थाना बबेरू जनपद बाँदा का एक संगठित गिरोह हैं जिनके विरुद्ध थाना बबेरू में मु0अ0सं0 159 /2021 धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया।
अभियोजन विभाग से समन्वय करके समयबद्ध रूप से साक्षियों का साक्ष्य कराकर प्रभावी पैरवी किए जाने के फलस्वरूप अपर सत्र विशेष न्यायाधीश एडीजे चतुर्थ गैंगस्टर कोर्ट द्वारा दोनो अभियुक्तों को 02 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5000 /रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। गैंगस्टर की विवेचना निरीक्षक कृष्ण कुमार पाण्डेय द्वारा संपादित की गई थी।
जिस पर न्यायालय में प्रभावी पैरवी करके पैरोकार चक्रधारी कोर्ट मोहर्रिर अमित राजपूत व देवेंद्र सिंह विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट सौरभ सिंह के द्वारा कड़ी मेहनत करने के बाद अभियुक्त को सजा दिलायी गईं । इनका एक संगठित गिरोह हैं जिसका गैंग लीडर कामता उर्फ़ कमतू हैं

और गरीबदास सक्रिय सदस्य हैं यह गैंग अपने और अपने साथियों के साथ मिलकर आर्थिक भौतिक एवं दुनियावी लाभ के लिए अवैध असलहो को बनाना, अवैध असलहो को रखना व अपने गैंग के शौक पूरे करने के लिए अवैध रूप से असलहो को बना कर चोरी से बेचने जैसे अपराध कारित करके अवैध धन अर्जित करता है। यह सभी बहुत ही दुर्दांत और बहुत ही शातिर किस्म के अपराधी हैं।
विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट सौरभ सिंह ने यह बताया की यह गैंग चोरी के हथियार बनाना और उन्ही हथियारों से लोगो मे भय फैलाना जैसे गंभीर अन्य अपराधो को कारित करने के अभ्यस्त अपराधी है जिनके आधार पर इन सभी अभियुक्तों पर गैंगस्टर की कार्यवाही की गई। यह सभी बहुत ही दबंग और शातिर किस्म के अपराधी हैं। ये सभी गैंग बनाकर अपराध को अंजाम देते हैं ।
इनके आतंक से आसपास के जनपद और गैर जनपदों में दहशत फैली हुई हैं। जिसके फलस्वरूप और भय आतंक के कारण इस गैंग के खिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज कराने और गवाही देने का साहस नहीं कर पाता हैं।मुकदमे के वादी द्वारा सभी अभियुक्तों का गैंग चार्ट बनाकर जिलाधिकारी महोदय बांदा से अनुमोदित करा कर रिपोर्ट दर्ज कराई गई। मामले की सुनवाई के दौरान 14/12/2022 को अभियुक्तों का आरोप बनाया गया।
मुक़दमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 4 गवाह पेश किया गया। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य के अवलोकन के बाद अपर सत्र विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट प्रदीप कुमार मिश्रा ने अपने आदेश में शातिर सभी दोनो अपराधियों को दोषी पाते हुए 02 वर्ष के कठोर कारावास और 5000/ रुपए अर्थदंड से दंडित किया ।।।
