धारा लक्ष्य समाचार
विनय कुमार बलरामपुर ब्यूरो चीफ। श्रावण मास के द्वितीय सोमवार को भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए उतरौला तहसील क्षेत्र श्रद्धा और आस्था के रंग में सराबोर दिखा। नगर सहित ग्रामीण अंचलों में स्थित शिवालयों में सोमवार सुबह से ही श्रद्धालुओं का भारी तांता लगा रहा। भक्तों ने जल और दूध से शिवलिंग का अभिषेक कर भोलेनाथ से सुख-समृद्धि, शांति और मंगल की कामना की।
उतरौला नगर के प्राचीन श्री दुःखहरण नाथ मंदिर पर भगवान शिव का विधिवत जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया गया। इस दौरान “बोल बम”, “हर हर महादेव” और “जय शिव शंकर” के जयघोषों से वातावरण भक्तिमय हो गया।
श्री दुःखहरण नाथ मंदिर के महंत मयंक गिरी ने बताया कि सावन के द्वितीय सोमवार पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन और जलाभिषेक के लिए मंदिर पहुंचे। विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक की व्यवस्था मंदिर प्रांगण में की गई थी। भजन-कीर्तन व भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

नगर के अन्य प्रमुख शिवालयों श्री पिपलेश्वर महादेव मंदिर, शिव मंदिर (मुख्य चौराहा), फक्कड़ दास मंदिर, तथा महादेव कुण्ड मंदिर में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पूजा-पाठ, भजन, घंटा-घड़ियालों की ध्वनि से पूरा नगर शिवमय हो गया।
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि अनूप गुप्ता ने सोमवार सुबह सभी प्रमुख मंदिरों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने सफाई, चूना छिड़काव, पेयजल, प्रकाश एवं बैरिकेडिंग व्यवस्था को परखा और उपस्थित पालिका कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मंदिरों के आस-पास स्वच्छता, ठंडे पानी एवं मेडिकल सहायता जैसे आवश्यक इंतजामों की सराहना की गई।
पुलिस प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे, जिससे भक्तों को दर्शन में कोई असुविधा न हो।
श्रावण के द्वितीय सोमवार की यह शिव आराधना भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और पुण्य का संगम साबित हुई। श्रद्धालु अब त्रियोदशी तिथि मंगलवार की कांवर यात्रा के लिए भी तैयारी में जुट गए हैं।
