पहलगाम नरसंहार: जो अभी भी तरक्की करते देश में जातिवाद और भ्रमित राजनीति का गंदा खेल खेलना चाहते हो, तो खूब खेलो मगर इतना समझ लो —- राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना

“इस्लामिक आतंकियों ने पहलगाम में आए मासूम निर्दोष पर्यटकों को घेर लिया — न उन्होंने जाति पूछी, न राज्य, न भाषा, न विचारधारा, न ये देखा कि कोई ठाकुर है, पंडित है, बनिया है या दलित है।”—-राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना “न ये देखा कि कोई हिंदी भाषी है या तमिल, मराठी, बंगाली बोलने वाला! न ये जाना कि कोई भाजपा का समर्थक है या विपक्षी दलों का।”—— राष्ट्रवादी चिंतक राजेश खुराना चोरों की तरह आएं कायर इस्लामिक आतंकियों ने सिर्फ निर्दोष और मासूम का नाम पूछा, धर्म देखा और बैरहमी…

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