कैराना । गांव हिंगोखेडी चौपाल में चल रही श्रीराम कथा में तीसरे दिन शिव पार्वती विवाह प्रसंग पर बोलते हुए आचार्य निखिल जी ने कहा कि पार्वती जी श्रद्धा की प्रतीक हैं । और शंकर जी विश्वास के प्रतीक हैं। यह सिद्धान्त है, जब समाज के शाश्वत जीवन मूल्यों के प्रति न श्रद्धा होगी न विश्वास रहेगा तो समाज में संशय, भ्रम और पाखण्ड रूपी तारकासुर ही जन्म लेगा जो सदगुण रूपी देवताओं को परास्त कर देगा। वैसे तो शिव पार्वती का मिलन शाश्वत है। लेकिन फिर भी जगत कल्याण…
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