सादगी के लिए जाने जाते हैं राजेश अग्रहरि, यही से सीखा व्यवसाय का ककहरा
धारा लक्ष्य समाचार पत्र
अमेठी। उद्योगपति जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश मसाला अपनी सादगी के लिए ही जाने जाते हैं यही कारण है की आज तक अपनी पुरानी दिनचर्या को ये भूल नहीं पाए हैं। कल राजेश मसाला उसी दूकान पर बैठ मसाला बेचते नजर आए जिसे उनकी स्वर्गीय मां बच्ची देवी चलाया करती थी। जहां से राजेश ने मसाला व्यवसाय का ककहरा सीखा था।
जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश मसाला का जन्म ही बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था इनके पिता राघव राम और मां बच्ची ने किसी तरह जिंदगी को रफ्तार देने की कोशिश की और मसाले का व्यवसाय शुरू किया और कुछ समय बाद मसाला पिसाई के लिए एक चक्की लगाई और पिसाई काम शुरू किया राजेश भी उसी में मसाले की पिसाई करने में लग गए और मां बच्ची देवी ने अपनी एक दूकान खोल दी और मसाला बेचने लगी राजेश गांव गांव फेरी के जरिए मसाला बेचने का काम करने लगे। समय गुजरा राजेश ने दो लाख रुपए प्रधानमंत्री रोजगार योजना से लोन लेकर व्यापार को बढ़ाने का प्रयास किया और आज वह सरकार को 40 करोड़ रुपए टैक्स जमा कर रहे हैं।
राजेश मसाला की मां बच्ची देवी और पिता राघव राम हम सब के बीच नहीं है। उनकी यादें शेष है वह दुकान आज भी मौजूद है जहां पर बैठकर बच्ची देवी मसाला बेचती थी और राजेश अग्रहरि ने व्यवसाय का ककहरा सीखा था कल राजेश अग्रहरि इसी दुकान पर बैठकर घंटो मसाला बेचते नजर आए जिससे वह सारी पुरानी यादें ताजा हो गई आज भी गांव में लोग राजेश अग्रहरि के इस दुकान के मसले के लिए दूर-दूर से आते हैं यहां पर खुला और पैकेट दोनों तरह से मसाला मिलता है और इस दुकान का मसाला भी गुणवत्ता के लिए चर्चित है।
