धारा लक्ष्य समाचार पत्र
अमेठी, 30 सितम्बर 2025: भौवसिंहपुर ग्राम पंचायत, जो आकार में छोटी होने के बावजूद अपने सक्रिय प्रयासों और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता के क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दे रही है, ने समग्र विकास के क्षेत्र में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। पंचायत ने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर ग्रामीण समाज को लाभान्वित किया है।
जनसेवा केंद्र (CSC):
ग्राम पंचायत भवन में संचालित जनसेवा केंद्र के माध्यम से ग्रामीणों को आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र जैसी सेवाएँ दैनिक रूप से उपलब्ध कराई जाती हैं। प्रत्येक सेवा के लिए मात्र 30 रुपये शुल्क लिया जाता है, जो पंचायत के OSR खाते में जमा होता है। इस केंद्र के कारण ग्रामीण निजी संस्थाओं की तुलना में कम खर्च पर सुविधाजनक सेवाएँ प्राप्त कर रहे हैं।
पंचायत लर्निंग सेंटर (PLC):
पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु स्थापित इस केंद्र में नियमित विकासखंड स्तर की बैठकें आयोजित की जाती हैं। इससे पंचायत प्रतिनिधियों की क्षमता में वृद्धि होती है और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहयोग मिलता है।
पुस्तकालय की स्थापना:
पंचायत ने युवाओं, छात्रों और बुजुर्गों के लिए पुस्तकालय की स्थापना की है। यहाँ समाचार पत्र, साहित्य और विभिन्न विषयों की पुस्तकें निःशुल्क अध्ययन हेतु उपलब्ध हैं।
कंप्यूटर लैब:
ग्राम के युवा अब कंप्यूटर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं तथा ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। इससे डिजिटल साक्षरता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।
धार्मिक स्थल का प्रबंधन:
पंचायत ने अपने स्तर पर धार्मिक स्थलों का प्रबंधन और स्वच्छता व्यवस्था सुनिश्चित की है। श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु दो सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है।
कचरा प्रबंधन:
पंचायत ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु RRC की स्थापना की है और प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन हेतु PWMU का निर्माण किया है। इससे ग्राम पंचायत में स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
पर्यावरण संरक्षण:
मनरेगा योजना के माध्यम से ग्राम पंचायत ने एक पर्यावरण पार्क का निर्माण कर हरित आवरण और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया है।
मुख्य विकास अधिकारी अमेठी, सूरज पटेल (आईएएस) एवं जिलाधिकारी संजय चौहान (आईएस) ने भौवसिंहपुर ग्राम पंचायत के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अन्य पंचायतों के लिए इसे आदर्श मॉडल के रूप में अपनाया जाए।
डीएम व सीडीओ ने ग्राम पंचायत से अपेक्षा जताई है कि वे आगामी योजनाओं को भी इसी समर्पण और सक्रियता के साथ लागू करें, जिससे समग्र विकास की दिशा में निरंतर प्रगति सुनिश्चित हो।
