धारा लक्ष्य समाचार
फतेहपुर बाराबंकी। जब से बाराबंकी में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बायो सीएनजी संयंत्र चालू हुआ है तब से नये रोजगार सृजन के साथ जो एक उम्मीद जगी है वह है धान की खेती करने वाले किसानों को पराली से मुक्ति मिलना और यह मुक्ति दिलाता है रिलायंस इंडस्ट्रीज के बायो सीएनजी संयंत्र के लिए काम करने वाला एक मशीनी यंत्र जो ट्रैक्टर के माध्यम से खेत में आगे बढ़ता हैं
और अपने पीछे पराली के कसे आयताकार गट्ठर छोड़ता जाता है। इस उपकरण को स्क्वायर बेलर कहते हैं और यह आजकल फतेहपुर ब्लाक में किसानों के खेतों में सूखी पराली को एकत्र करने के लिए दिन रात काम कर रहा है। इससे किसानों को सबसे बड़ा लाभ ये होता है कि उनको पराली को आग नहीं लगानी पड़ती जिससे वह किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से बचे रहते ही हैं। पराली उठवाने के लिए अतिरिक्त मजदूरी नहीं देनी पड़ती और बस कुछ ही घंटे में एक एकड़ तक खेत साफ हो जाता है।
इससे आलू की फसल के लिए खेत की जुताई करने में आसानी रहती है,खेत जल्दी तैयार हो जाता है। जो किसान किराये पर खेत जुतवाते है उनका जुताई का खर्च भी कम आता है। कहीं कहीं ऐसा भी सुनने में आया है कि इस पराली के बदले कंपनी किसान को पैसा भी देती है।
फिलहाल सरैया ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान अजय वर्मा के खेत में स्क्वायर बेलर को चलते देख हम मौके पर गये और पूछताछ करने पर पाया कि अभी पराली के बदले पैसे की कोई व्यवस्था नहीं है। भविष्य में ऐसा हो सकता है कि कंपनी पराली के बदले किसान को कुछ धन देने पर विचार करें।
