🌞 *~ आज का शुभ पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 07 नवम्बर 2025*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
🌤️ *मास – मार्गशीर्ष (गुजरात- महाराष्ट्र कार्तिक)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – द्वितीया सुबह 11:05 तक तत्पश्चात तृतीया*
🌤️ *नक्षत्र – रोहिणी रात्रि 12:33 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
🌤️ *योग – परिघ रात्रि 10:28 तक तत्पश्चात शिव*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 10:58 से दोपहर 12:22 तक*
🌤️ *सूर्योदय – 06:18*
🌤️ *सूर्यास्त – 05:19*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
💥 *विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞~*राधेश्याम जायसवाल वैद्यजी*🌞
🌷 *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* 🌷
👉 *08 नवम्बर 2025 शनिवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 08:21)*
🙏🏻 *शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :*
🌷 *ॐ गं गणपते नमः ।*
🌷 *ॐ सोमाय नमः ।*
🌞 *~ हरिशरणम् ~* 🌞
🌷 *चतुर्थी तिथि विशेष* 🌷
🙏🏻 *चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।*
🙏🏻 *पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥*
➡ *“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।*
🌞 *~ जय माता की ~* 🌞
🌷 *कोई कष्ट हो तो* 🌷
🙏🏻 *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |*
👉🏻 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*
🌷 *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।*
🌷 *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।*
🌷 *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।*
🌷 *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।*
🌷 *ॐ अविघ्नाय नम:*
🌷 *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:*
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*🙏आज का शुभ राशिफल*🙏
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07 नवम्बर, 2025, शुक्रवार
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*🙏मेष : आज आपका दिन विशेष रूप से लाभदायी है। निवेश, व्यापार, नौकरी, विद्या सभी क्षेत्रों में आज लाभ ही लाभ के संकेत हैं। सभी कार्य फलीभूत होंगे। कार्यालय में वरिष्ठजनों से भी सहयोग मिलेगा और जूनियर्स भी आपकी मदद करेंगे। जीवनसाथी के साथ आपसी सामंजस्य में सुधार आएगा। दोस्तों की मदद से रुके काम पूरे होंगे।*
वृषभ : आप आज हर काम सरलता से संपन्न कर पाएंगे। नौकरी में आपके उच्च पदाधिकारी खुश रहेंगे। कार्य की व्यस्तता रहेगी लेकिन स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। व्यापारियों के लिहाज से भी निवेश के लिए दिन अच्छा है। आज किए गए निवेश भविष्य में आपको धन लाभ करवाएंगे। नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
मिथुन : भाग्य के साथ पूर्वनिर्धारित कार्य की तरफ आज आपको प्रयास करना होगा। धार्मिक एवं मांगलिक कार्यों में व्यस्त रहने की संभावनाएं बन रही हैं। कहीं से शुभ समाचार भी मिल सकता है। रुके हुए धन के प्राप्त होने से परिवार में हर्ष का माहौल रहेगा। अतिथि आगमन के लिए तैयार रहें।
कर्क : आज के दिन किसी भी नए कार्य का श्रीगणेश न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, यात्रा से परहेज करें, वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। घर से बाहर जाते समय उपाय करके निकलें। बिना वजह दूसरों के विवाद में न पड़ें। आज आपको शारीरिक और मानसिक रूप से भी थकान महसूस हो सकती है।
सिंह : आज आपका दिन आनंद में बीतेगा। मान-सम्मान में वृद्धि होगी और जीवनसाथी का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। प्रिय व्यक्ति की राय पर विशेष ध्यान दें। मधुर वाणी से किसी को प्रभावित कर पाने में आप सफल रहेंगे। परिवार के साथ आप कहीं बाहर घूमने के बारे में भी विचार कर सकते हैं।
*🙏कन्या : सुख शांति और आनंद का वातावरण बना रहेगा, शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी, अधूरे कार्य संपन्न होंगे। कोई शुभ सूचना मन को प्रसन्न रखेगी। संतान की ओर से आपको कोई सुखद समाचार मिलेगा। आज आप शॉपिंग करने का भी प्लान बना सकते हैं। इस वक्त स्वास्थ्य की भी विशेष देखभाल करने की जरूरत है।*
तुला : आज साहित्य एवं कला में आपकी रुचि रहेगी। मन में कल्पना की तरंगें उठेंगी, बौद्धिक चर्चाओं में भाग अवश्य लें। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। दोस्तों में सबके ऊपर आंख बंद करके भरोसा नहीं किया जा सकता। बेहतर होगा कि आप उन्हें जांच परख और आजमाकर देखें फिर भरोसा करें।
वृश्चिक : आज आपकी मनःस्थिति नकारात्मकता की ओर झुक सकती है। मन को सबल रखें। परिवार में क्लेशमय वातावरण से मन खिन्न हो सकता है। सरकारी कामों में बाधा आ सकती है। यात्राओं के परिणाम खराब आ सकते हैं। बेहतर होगा कि टाल दें।
धनु : मानसिक रूप से आज आप बहुत हल्कापन महसूस करेंगे। आपके मन पर छाए हुए चिंता के बादल हटने से आपके उत्साह में वृद्धि होगी। सभी काम बनते हुए नजर आने लगेंगे। अध्यापन के कार्यों में आपको आज रुचि रहेगी। रचनात्मक और साहित्य से जुड़े नवीन कार्यों में आज आपको सफलता मिलेगी।
मकर : आज रुका हुआ धन आपको अवश्य प्राप्त होगा। धन निवेश के लिए भी दिन लाभकारी है। स्वयं पर विश्वास रखकर ही आज कार्यों को क्रियान्वित करें। रुपये-पैसे से जुड़ी निवेश की योजनाओं को आज के दिन आप शुरू करने के बारे में सोच सकते हैं। आज दिन शुभ योग में है।
कुंभ : आज आपका दिन अनुकूल रहेगा। आप तन-मन से स्वस्थ होकर कार्य कर पाएंगे, जिससे कार्य में उत्साह एवं उर्जा का अनुभव होगा। सेहत भी आज आपका भरपूर साथ देगी। मन प्रसन्न रहेगा। व्यापारियों को आज अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है। वहीं नौकरीपेशा लोगों को भी आज प्रशंसा मिल सकती है।
*🙏मीन : आज आपका दिन अस्वस्थता और बेचैनी के साथ बीतेगा, किसी का भला करने पर भी आप पर ही विपत्ति आ सकती है, पैसों का लेन-देन न करें। माता के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। उन्हें आपकी खास देखभाल की जरूरत है। कुछ दान-पुण्य के कर्म करने से लाभ होगा।*
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रोहिणी व्रत आज
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*🙏रोहिणी व्रत जैन धर्म का अति महत्वपूर्ण व्रत हैं। इस व्रत के मौके पर भगवान वासुपूज्य स्वामी की पूजा आराधना की जाती है। इस दिन चंद्रदेव की आराधना करने का भी नियम है। दरअसल, इस दिन चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर जाता है जिसके कारण ही इस दिन को ‘चंद्र पूजा’ रूप में जाना जाता है। द्रिक पंचांग की मानें तो 7 नवंबर को रोहिणी व्रत करने का विधान है। अगहन माह का यह रोहिणी व्रत जैन को मानने वाले धर्मावलंबियों के लिए शुभ फलदायी माना जाता है।*
क्या है रोहिणी व्रत
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रोहिणी व्रत का संबंध रोहिणी नक्षत्र से है, जो चंद्रमा से जुड़ा हुआ है। यह नक्षत्र हर महीने आता है और जब यह सूर्योदय के बाद तक रहता है, तब रोहिणी व्रत किया जाता है। यह व्रत जैन और हिंदू धर्म दोनों में बहुत शुभ माना गया है।
व्रत क्यों किया जाता है रोहिणी व्रत?
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*🙏रोहिणी व्रत मुख्य रूप से महिलाओं का व्रत माना जाता है। जिसमें उपवास रहकर महिलाएं व्रत का संकल्प करती है और परिवार व संतान की खुशहाली व लंबी आयु की कामना करती है। इस दिन महिलाएं निर्जला या फलाहार व्रत रहकर सुख-समृद्धि और संतान की खुशहाली के लिए प्रार्थना करती है।*
कितने सालों तक व्रत करने का है विधान?
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जैन धर्म के प्रमुख व्रतों में से एक रोहिणी व्रत रोहिणी नक्षत्र के दिन रखा जाता है। जैन मान्यताओं में रोहिणी व्रत करके व्यक्ति कर्म व बंधन से मुक्ति पा लेता है और मोक्ष की प्राप्ति के रास्ते कुल जाते हैं। लगातार 3, 5, या 7 साल तक रोहिणी व्रत किए जाने का नियम है। इसके अलावा नियम है कि पारण अनुष्ठान के बाद ही इस व्रत को पूर्ण माना जाएगा और तभी व्रत का पूरा फल प्राप्त होगा।
रोहिणी व्रत की पूजा विधि
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ब्रह्म मुहूर्त में जागकर पानी में गंगाजल डालें और स्नान करें।
आचमन कर व्रत का संकल्प करें और सूर्यदेव को जल चढ़ाएं।
अब पूजाघर की साफ सफाई करें और वेदी सजाएं।
भगवान वासुपूज्य की प्रतिमा को वेदी पर स्थापित करें।
*🙏पूजा में भगवान वासुपूज्य को फल-फूल अर्पित करें।अब गंध, दूर्वा, नैवेद्य भगवान को चढ़ाएं। सूर्यास्त होने से पहले फिर पूजा करें और हल्का फलाहार करें।अगले दिन पूजा अर्चना करें व व्रत का पारण कर गरीबों में दान करें।*
मिलते हैं ये लाभ
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*🙏जैन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जहां सुहागिन महिलाओं को रोहिणी व्रत करने से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है, वहीं इस व्रत से साधक के सभी दुख-दर्द भी दूर हो जाते हैं। जैन धर्म में यह भी माना गया है कि इस व्रत को करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। इसी के साथ आत्मा की शुद्धि के लिए भी यह व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।*
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