पुलिस वेरिफिकेशन में आपके खिलाफ नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी जारी होगा पासपोर्ट

लखनऊ। अगर आपके खिलाफ स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज है। न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है। और इस कारण आपको पासपोर्ट जारी नहीं किया जा रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। पुलिस वेरिफिकेशन में आपके खिलाफ नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी आपको पासपोर्ट जारी किया जा सकता है। वशर्ते आपको न्यायालय से आदेश करवाना होगा। न्यायालय में एक हलफनामा देकर आप कोर्ट से एक एनओसी प्राप्त कर सकते हैं।

शर्त यह है कि इस एनओसी में तीन वातें साफ शब्दों में लिखा हो । पहला कि आप विदेश की यात्रा कर सकते है। दूसरा आपका पासपोर्ट जारी किया जाए। और तीसरा आपका पासपोर्ट कितने समय की के लिए जारी किया जाए । कोर्ट से इस बात की एनओसी मिलने के वाद आपका पासपोर्ट | जारी कर दिया जाएगा।

स्पीड पोस्ट के जरिए भेजी जा रही है नोटिस 

पुलिस वेरिफिकेशन में जिन पासपोर्ट आवेदकों के खिलाफ | नैगेटिव रिपोर्ट आई है। पासपोर्ट कार्यालय उन्हें नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने का समय दे रहा है। ताकि समय रहते उन सवका पासपोर्ट जारी किया जा सके। विपिन खण्ड गोमतीनगर कार्यालय के पासपोर्ट ऑफिसर शुभम सिंह (आईएफएस) ने बताया कि ऐसे लोग जिनका पलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट निगेटिव आई है। हम यहां से उन्हें एक नोटिस भेज रहे है। उन्होंने बताया कि किसी ने किसी मुकदमें के कारण बड़ी संख्या में लोगों का पोसपोर्ट नहीं बन पा रहा है।

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उन्होंने ने कहा कि इसमें कई माननीय और सरकारी ऑफिसर भी शामिल हैं। लेकिन उनको पासपोर्ट जारी किया जा सके। इसके लिए कोर्ट से एनओसी की मांग की गई है। नोटिस मिलने के वाद ज्यादातर लोग इस कार्यालय से सम्पर्क कर रहे है। जिन्हें पासपोर्ट कार्यालय का लीगल सेल जागरूक कर रहा है। पीओ शुभम सिंह ने बताया कि जिस भी व्यक्ति के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। वह कोर्ट से इस वात की एनओसी जारी करवा ले कि वह विदेश की यात्रा कर सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट से इस वात की अनमति लेना भी आवश्यक है कि उक्त आवदेनकर्ता को पासपोर्ट जारी किया जाए। साथ यह भी स्पष्ट हो कि पासपोर्ट कितने समय के लिए जारी किया जाए। कई मामलों में कोर्ट से एक निश्चित समय के लिए ही पासपोर्ट जारी करने का आदेश रहता है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने 25 अगस्त 1993 को जीएसआर 570 (ई) की एक अधिसूचना जारी की है। यह अधिसूचना पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के तहत जारी की गई थी। इस अधिसूचना के मुताविक, आपराधिक मामलों से जूझ रहे लोगों को इस शर्त पर पासपोर्ट जारी किया जा सकता है कि आप विदेश यात्रा के लिए न्यायालय से मिली लिखित अनुमति पासपोर्ट कार्यालय का जमा कराएं।

राजस्थान हाईकोर्ट का है अहम फैसला

पासपोर्ट का नया आवेदन हो या फिर रिन्यू | पुलिस वेरिफिकेशन में आपके खिलाफ निगेटिव रिपोर्ट आई हो फिर भी आपको पासपोर्ट पाने का पूरा अधिकार है। पासपोर्ट वनवाना देश के हर नागरिक का कानूनी अधिकार है और कोई भी उसे इससे वंचित नहीं कर सकता। यह अहम फैसला राजस्थान हाई कोर्ट का है। राजस्थान हाईकोर्ट के तत्कालीन जस्टिस अनूप कुमार ढांड की बेंच ने इस बात पर जोर दिया कि पासपोर्ट अथॉरिटी पुलिस रिपोर्ट से वंधी नहीं है।

पासपोर्ट एक्ट 1967 पासपोर्ट अथॉरिटी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें विवेकाधिकार दिया गया है जिसमें वेरिफिकेशन रिपोर्ट के वावजूद निष्पक्ष फैसला लेने का अधिकार शामिल है। इसके तहत किसी भी नागरिक को पासपोर्ट पाने के उसके कानूनी अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। वेरिफिकेशन रिपोर्ट में आरोपी के तथ्यों/पिछले इतिहास को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति को पासपोर्ट जारी किया जाए या नहीं, यह पासपोर्ट अथॉरिटी को तय करना है।

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