तालाब की भूमि मछली पालन के लिए पट्टा लेकिन लहलहा रही फसल

 

धारा लक्ष्य समाचार रिपोर्ट अब्दुल मुईद

बाराबंकी। तहसील क्षेत्र रामसनेहीघाट के सिल्हौर गांव में तालाब की गाटा संख्या 1320 लगभग 30 बीघा की भूमि का मछली पालन के लिये नीलामी के तहत तहसील में पट्टा की हुआ था।तालाब के पट्टे की भूमि पर पट्टेधारक द्वारा गेहूं,जौ, चना,मसूढ की फसल बुवाई कर धनार्जन किया जा रहा है।जिसको लेकर गांव के ही कई लोगों ने आलाधिकारियों को पत्र देकर से कार्रवाई करने की मांग की है

जानकारी के मुताबिक सिल्हौर ग्राम सभा के भोला नाथ निवासी धारू पुरवा के परिवार को ही लगातार तालाब की भूमि पर मछली पालन के लिये नीलामी के तहत पट्टा की तहसील में किया गया था।भोला नाथ आदि द्वारा इस भूमि पर मछली पालन न करकर ट्रैक्टर द्वारा समतलीकरण करने के बाद गेहूं की फसल लगाकर धनार्जन किया जा रहा है।लोगो ने भेजे गए पत्र में कहा कि उक्त स्थान पर मछली पालन करना तो दूर तालाब ही नहीं हैं।इन लोगों ने मछली पालन के बजाय तालाब की भूमि के चारों ओर झटका मशीन लगाकर तालाब की भूमि पर खेती कर रहे है।लोगो का आरोप है कि पट्टा धारकों द्वारा झटका मशीन लगाए जाने से कई जानवर भी अब तक घायल हो चुके है।गांव निवासी अशोक कुमार,शिवम,ओम प्रकाश आदि लोगो ने मुख्यमंत्री सहित अन्य आलाधिकारियों को पत्र भेजकर पट्टा निरस्त कर उक्त भूमि पर जनहित में तालाब बनवाया जाए।वही ग्रामीणों ने स्थानीय तहसील प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि शिकायत पर टीम ने जांच की।जांच के दौरान टीम को फसल बोई व झटका मशीन लगी मिली।तालाब में पानी मछली नहीं मिली।जिसके बाद से प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाया।वही मछली पालन विभाग के आलाधिकारियों का कहना है कि तालाब की जमीन को बराबर कराकर खेती नहीं की जा सकती।गांव में विभाग की टीम भेज कर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।उपजिलाधिकारी रामसनेहीघाट अनुराग सिंह ने बताया कि जांच कराकर विधिक कार्यवाही की जाएगी।

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