बड़ौत ::- तिलवाड़ा के टीले पर खोदाई में मिले ताबूतनुमा आकृति, सुराहीनुमा मिट्टी के बर्तनों, तांबे की प्लेट आदि की प्राथमिक जांच के बाद पुरातत्वविदों ने यहां पर चार हजार साल पुराने शवाधान केंद्र होने की पुष्टि कर दी। फिलहाल यहां पर खुदाई पर ब्रेक लगा दिया गया है वहां चल रही खोदाई पर विराम भी लगा दिया गया और अब वहां से पुरावशेषों को समेटने की तैयारी शुरू कर दी गई।
तिलवाड़ा गांव के वरिष्ठ समाजसेवीआर।आर डी उपाध्याय बताते हैं कि तिलवाड़ा गांव में खुदाई के दौरान काफी मृदभांड पहले भी मिल चुके हैं जो यहां से विभाग की टीम ने जांच के लिए भेज रखे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता धूम सिंह तिलवाड़ा बताते हैं कि हमने बहुत पहले उत्खनन पुरातत्वविदों की टीम को अवगत कराया था कि तिलवाड़ा गांव की भी खुदाई कराई जाए तब जाकर यहां की खुदाई का कार्य शुरू किया गया था।तिलवाड़ा गांव स्थित आला टीले पर करीब चार माह पहले एएसआई द्वारा उत्खनन शुरू किया गया था। इसके बाद होली पर्व के कारण उत्खनन रोक दिया गया था।

वहां कई दिन पहले दोबारा से खोदाई शुरू की गई। यहां पर 18 ट्रेंचों में से पुरातत्वविदों को केवल दो ट्रेंच से ही बड़ी सफलता मिली है। बाकी ट्रेंच से कोई खास सफलता नहीं मिली। टीले के निचले हिस्से से मिले पुरावशेषों पर शोध करने के बाद पुरातत्विदों ने चार हजार साल पुराने शवाधान केंद्र होेने की पुष्टि कर दी। फिलहाल खोदाई पर विराम लगा दिया गया है और पुरावशेषों को समेटने की तैयारी शुरू कर दी गई।
बताया कि अगले 15 दिन में यहां से सभी पुरावशेषों को दिल्ली या अन्य जगह पर भेजा जायेगा खुदाई के दौरान अब तक जितने भी तत्व यहां पर मिले हैं सभी को लगातार लैब में भेजा जा रहा है जिनकी जांच बराबर चल रही है अब खुदाई पर ब्रेक लगा दिया गया है सभी पुरावशेषो को जांच के लिए भेज दिया गया है जिनकी जांच बराबर चल रही है
