चौरासी कोसी पारंपरिक परिक्रमा सीताकुण्ड पहुंची 

परिक्रमा में कई प्रदेशो के साथ नेपाल के श्रधालु भी परिक्रमा में शामिल रहे

डा दिनेश तिवारी

अयोध्या । अयोध्या धाम की प्रसिद्ध 84 कोसी पारंपरिक परिक्रमा शनिवार की रात सूर्य कुंड रामपुर भगन धार्मिक स्थल पर रात्रि विश्राम करने के बाद महंत गया दास के नेतृत्व में रविवार सुबह अपने सातवें पड़ाव स्थल बीकापुर विकासखंड क्षेत्र के रामायण कालीन पौराणिक धार्मिक स्थल सीताकुंड पहुंची। धार्मिक स्थल के सरवराह कार सुरेश चंद्र पांडे, मानस तिवारी, पंडित बिंदेश्वरी पांडे, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष उदय भान उपाध्याय, कृष्ण चंद्र पांडेय, अरस दुबे, उमेश पांडेय, श्रीनिवास पांडेय सहित ।

स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा माल्यार्पण करके परिक्रमा में शामिल साधु संतो का स्वागत किया गया। तथा सुबह जलपान नाश्ते और दोपहर भोजन प्रसाद की भी व्यवस्था की गई। परिक्रमा में नेपाल देश के आधा दर्जन श्रद्धालुओं के अलावा परिक्रमा में सैकड़ों की संख्या में मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, बिहार झारखंड, सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के भक्तगण शामिल है। इसमें काफी बुजुर्ग और बच्चे भी परिक्रमा कर रहे हैं। महिलाओं की संख्या काफी अधिक है। पीएसी की गाड़ी भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर साथ चल रही है।

आज रविवार की रात्रि सीता कुंड पर विश्राम करने के बाद परिक्रमा आने के लिए रवाना होगी। परिक्रमा में शामिल सेना से रिटायरमेंट पूर्व सूबेदार मेजर धौलपुर राजस्थान निवासी हरवीर प्रसाद शर्मा 69 वर्ष अपने परिवार और ग्रामीणों की टीम के साथ परिक्रमा में शामिल हैं, संस्कृत महाविद्यालय सीतापुर के प्राचार्य आचार्य स्वामी राम नारायण दास 70 वर्ष भी परिक्रमा में शामिल है। 84 कोसी परिक्रमा में शामिल करीब 2 दर्जन से अधिक परिक्रमार्थी विभिन्न बीमारियों से पीड़ित मिले। महंत गया दास द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी को फोन करके बीमार श्रद्धालुओ के संबंध में जानकारी दिया। उसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकापुर की स्वास्थ्य टीम ने पहुंच कर स्वास्थ्य कैंप लगाया। दवा उपचार और दवा का वितरण किया गया। गंभीर रूप से बीमार दिलावरपुर निवासी छोटेलाल 64 वर्ष, नेपाल निवासी बिंदेश्वरी प्रसाद 75 वर्ष, बस्ती जनपद निवासी राम रतन दास 65 वर्ष सहित आधा दर्जन बीमार श्रद्धालुओं को एंबुलेंस के जरिए उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ केंद्र बीकापुर लाया गया। और दवा उपचार कराया गया।

इसके अलावा परिक्रमा में शामिल अन्य कई श्रद्धालु जुखाम, बुखार, ब्लड प्रेशर, पेट दर्द, पेचिश, उल्टी दस्त, शरीर दर्द, आंख की बीमारी सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित दिखाई पड़े। दवा उपचार की पर्याप्त व्यवस्था न होने से परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं में मायूसी देखी गई। परिक्रमा के अगुवा महंत गया दास और नागा जयरामदास ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सूचना दिए जाने के बाद सीएचसी बीकापुर से सिर्फ कुछ स्वास्थ्य कर्मी आए थे

और कुछ टेबलेट देकर करके चले। कई जगह पड़ाव स्थलों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था और साफ सफाई नहीं हुई है। पिछले वर्षों में उनके द्वारा आयोजित की जा रही पारंपरिक परिक्रमा में करीब 2000 से डेढ़ हजार तक श्रद्धालु परिक्रमा में शामिल होते रहे लेकिन इस बार गुट बाजी और राजनीतिकरण के कारण सिर्फ 500 ही श्रद्धालु परिक्रमा में शामिल हैं। बताया कि 14 अप्रैल को मख भूमि मखौड़ा बस्ती से परिक्रमा की शुरुआत हुई है तथा 7 मई को अयोध्या में समापन किया जाएगा।

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