मधुलिमये स्मृति व्याख्यान में वक्ताओं ने रखे विचार, सुनाए कई संस्मरण
बाराबंकी। समाजवादी चिन्तक, गोवा मुक्ति संघर्ष के सेनानी और चार बार के सांसद रहे मधु लिमये की 104वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में गुरूवार को गांधी भवन में गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट के तत्वावधान में मधुलिमये स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया।
वक्ताओं ने समाजवादी आन्दोलन और मधु लिमये के जीवनवृत पर प्रकाश डालते हुए अपने विचार रखे। इससे पहले स्व. मधु लिमये के चित्र पर मार्ल्यापण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभा की अध्यक्षता वयोवृद्ध समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने की। उन्होंने मधु लिमये के साथ बिताए कई संस्मरण सुनाए।
सभा को मुख्य अतिथि प्रखर समाजवादी नेता एवं लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर ने संबोधित करते हुए कहा कि मधु लिमये एक प्रखर सांसद थे जिन्होंने अपने तर्कपूर्ण भाषणों से संसद में सार्थक बहस की श्रेष्ठ परंपरा डाली। मधु लिमये का मानना था कि आंबेडकर और गाँधी के विचारों के समन्वय से ही भारत में एक नए समाज की रचना संभव है।
श्री ठाकुर ने कहा कि एक मई को मजदूर दिवस के रूप में भी याद किया जाता है। लेकिन यह दिवस मजदूरों के अधिकारों के खात्मे का दिवस बन गया है। क्योंकि अब न कोई मजदूर आन्दोलन होता है और न ही लोग सड़कों पर उतरकर अपनी मांगों को लेकर नारे लगाते है। मजदूर को हमेशा से गुलाम के रूप में देखा गया है।

दरअसल मजदूर आन्दोलन का मतलब ही दुनिया की पूंजीवादी व्यवस्था को खत्म करना। पूर्व एमएलसी राजेश यादव राजू ने कहा कि मधु लिमये हर मुद्दे पर स्पष्ट राय रखते थे। वसूलों के पक्के राजनेता थे। नेताजी मुलायम सिंह यादव उनका बड़ा सम्मान करते थे।
उन्होंने गोवा मुक्ति आन्दोलन का नेतृत्व किया और जेल गये। समाजवादी अध्येता मुकेश चन्द्रा ने कहा कि मधुलिमये सार्वजनिक जीवन में सादगी और शुचिता के वे इस हद तक पैरोकार थे कि उन्हें बतौर पूर्व संसद सदस्य मिलने वाली पेंशन लेने से भी इनकार कर दिया था। जब मधु लिमये संसद के सदस्य नहीं रहे तो बिना किसी दूसरी व्यवस्था के उन्होंने सांसद के तौर पर मिला आवास खाली कर दिया।
आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी संस्थान के संयुक्त सचिव नवीन तिवारी ने कहा कि हमें अतीत से प्रेरणा लेनी चाहिए। मधु लिमये सैद्वान्तिक संत ही नहीं बल्कि संसदीय राजनिति के ज्ञाता भी थे। सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष मो उमैर किदवई ने कहा कि मधु लिमये समाजवादी आंदोलन की दूसरी पीढ़ी के नायक थे।
गांधीवादी रमेश चन्द्र शर्मा और समाजसेवी दिनेश टंडन ने मधु लिमये के जीवन पर प्रकाश डाला और कई संस्मरण सुनाए। कार्यक्रम का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस अवसर पर रघु ठाकुर, नवीन तिवारी, मुकेश चन्द्रा और रमेश शर्मा का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में समाजवादी लोहिया वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष कुंवर ज्ञान सिंह यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता शऊर कामिल किदवई, आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष जुगराज सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवशंकर शुक्ला, तौकीर कर्रार, मृत्युंजय शर्मा, बलराम यादव, नीरज दूबे, हुमायूं नईम खान, वासिक वारसी, जमील उर रहमान, धनंजय शर्मा, अशोक जायसवाल, श्रीनिवास त्रिपाठी, सपा नेता दानिश सिद्दीकी, जिया उर रहमान, अनवर महबूब, सुरेश गुप्ता मनीष यादव आदि उपस्थित थे।
