रामकुमार गौतम धारा लक्ष्य समाचार
बिहारीगढ़ सहारनपुर के ग्राम सतपुरा में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी है। बिना लाइसेंस और डिग्री के इलाज करने वाले कथित डॉक्टरों का नेटवर्क गरीब जनता के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है।
हाल ही में योगी सरकार ने ऐसे अवैध मेडिकल प्रैक्टिस, पैथोलॉजी लैब और अल्ट्रासाउंड सेंटरों को बंद करने के सख्त आदेश दिए थे, फिर भी सहारनपुर में स्थिति जस की तस है। एक ताजा मामला जिला चिकित्सा अधिकारी की उदासीनता को उजागर करता है, जहां एक मरीज की जिंदगी खतरे में पड़ गई।
पीड़ित अर्जुन सिंह ने बताया कि उनके पैरों में दर्द की शिकायत थी, जिसके लिए वे सतपुरा निवासी गोवर्धन के पास इलाज कराने गए। करीब एक महीने तक इलाज चला, लेकिन एक दिन गोवर्धन ने इलाज के दौरान उनके पैर पर ऐसा जोरदार झटका मारा कि उनका कुल्हा टूट गया।

दर्द से तड़पते अर्जुन ने पुलिस में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर 10-20 हजार रुपये लेकर मामले को रफा-दफा करने का सुझाव दिया। हताश अर्जुन ने डीएम कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई।
यह मामला स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर सवाल उठाता है। योगी सरकार के आदेशों के बावजूद सहारनपुर में झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? जिला चिकित्सा अधिकारी की चुप्पी क्या दर्शाती है?
अर्जुन सिंह के मामले की सच्चाई जांच का विषय है, लेकिन यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं की कमजोर कड़ी को उजागर करती है। जनता अब प्रशासन से त्वरित और सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
