सहारनपुर न्यूज,,जिला अस्पताल में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस वर्ष की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण की समाप्ति”इंडिंगलोबल प्लास्टिक पॉल्यूशन निर्धारित की गयी है।

धारा लक्ष्य समाचार सहारनपुर

सहारनपुर

एस०बी०डी० जिला चिकित्सालय सहारनपुर परिसर में वृक्षारोपन कर विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा० प्रवीण कुमार की अध्यक्षता में किया गया। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जानकारी दी गयी कि साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र ने हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का फैसला लिया।

साल 1974 में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। जिसका मकसद है, लोगों को पर्यावरण के प्रति सचेत रखना। इस वर्ष 2025 में विश्व पर्यावरण दिवस की थीम है प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्ति, करना है। जनमानस में इस बात की जागरूकता लायें कि क्लाइमिट चेंच एवं स्वास्थ्य का एक दूसरे से सम्बन्ध है।

पर्यावरण परिवर्तन के कारण मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पडना स्वभाविक है। सभी को वृक्षारोपण करना आवश्यक है एवं प्लास्टिक का बहिस्कार पूर्ण रूप किया जाये। जिससे प्रदूषण कम किया जा सकता है। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपील की गयी कि सभी को एक पेड मॉ के नाम से जरूर लगाये। पर्यावरण की रक्षा के लिये छोटे-छोटे कदम उठाये, प्लास्टिक का कम उपयोग करना, जल एवं ऊर्जा की बचत करने की अपील की गयी।

ताकि आने वाली पीढियों के लिये बेहतर पृथ्वी बने तथा स्वस्थ्य वातावरण मिल सके डा० प्रवीण कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी को जनजागरूकता करते हुये सभी से अपील की कि सभी व्यक्ति इस विश्व पर्यावरण दिवस पर एक वृक्ष अवश्य लगाये तथा प्लास्टिक का बहिष्कार करें। प्लास्टिक से अत्यधिक प्रदूषण होता है तथा इनका जानवरों पर भी बहुत असर पडता है। इस लिये सभी को प्लास्टिक का उपयोग नही करना चाहिए जैसे कि बाजार से सामान को लाने हेतु कपडे के थेले का उपयोग करना चाहिए।

कार्यक्रम में श्रीमती शिवॉका गौड, जिला मलेरिया अधिकारी, डा० कपिल देव ए०सी०एम०ओ०, डा० मुकेश कुमार ए०सी०एम०ओ०, डा० सर्वेश डी०टी०ओ०, खालिद डीपीएम, सहारनपुर व अन्य समस्त स्टाफ उपस्थित थे। पर्यावरण संरक्षण करने जनमानस द्वारा किये जाने उपाय-जब भी बाजार जाये कपडे का थैला लेकर जाये। जहाँ भी सम्भव हो अपनी पानी की बोतल साथ लेकर जाये।स्टील / पुर्नचक्रण लंच बॉक्स ओर पानी की बोतलो उपयोग करें।

सभा एवं कार्यक्रमों के दौरान गैर प्लास्टिक पर्यावरण के अनुकूल कठलरी का उपयोग करें।घर, स्कूल, कार्यालयों में वर्षा जल संचयन के बुनियादी ढाचे का निर्माण करें।पौधो में पानी देने के लिये, फर्श एवं वाहन धोने के लिये पाईप लाईन के बजाये बाल्टी का उपयोग करें नल ओर पाईप लाईन के लिकेज को तुरन्त ठीक कराये।बाजरा जैसी कम पानी की खेती को अपनाये सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों का उपयोग करें।जहाँ भी सम्भव हो सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें एल०ई०डी० बल्ब और ट्यूब लाईट का प्रयोग करें। लाल बत्ती और रेलवे क्रोसिंग पर वाहन के इंजन बन्द कर दे। नीम, तुलसी, पुदिना, गिलोय, कडी पत्ता, अवश्गन्धा, आदि जैसे पौधे घर के परिसर में लगायें सामुदयिक स्तर पर जैवविधिता संरक्षण अपनाये। प्राकृतिक उत्पादों उपयोग करें

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Dhara Lakshya samachar के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...

Related posts