धारा लक्ष्य समाचार विनय कुमार बलरामपुर ब्यूरो चीफ
उतरौला क्षेत्र में समय से बारिश न होने के कारण किसानों की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। जुलाई का मध्य आ चुका है, परंतु अभी तक पर्याप्त वर्षा न होने से खेतों की सिंचाई और धान की रोपाई कार्य प्रभावित हो रहा है। आसमान में बादल तो छाते हैं, किंतु हल्की बूंदाबांदी के बाद मौसम साफ हो जाता है, जिससे किसान मायूस होकर लौट जाते हैं।
स्थानीय किसानों का कहना है कि धान की रोपाई का यही उपयुक्त समय है। जुलाई माह में यदि धान की रोपाई हो जाती है तो नवम्बर तक फसल तैयार हो जाती है और अक्तूबर में उसकी कटाई संभव हो पाती है। लेकिन इस वर्ष अब तक पर्याप्त बारिश न होने के कारण खेतों में नमी नहीं है, जिससे रोपाई नहीं हो पा रही है।

कई किसान डीज़ल खरीदकर ट्यूबवेल या पंपसेट के सहारे खेतों में सिंचाई कर रहे हैं, जिससे रोपाई की जा सके। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर किसान केवल आसमान की ओर निहारते हुए बारिश का इंतज़ार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर जल्दी बारिश नहीं हुई, तो धान की पूरी फसल खतरे में पड़ सकती है।
कुछ किसानों ने बताया कि बीते चार वर्षों में बाढ़ की मार से फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। इस बार बारिश न होने की स्थिति ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है। फसल उत्पादन को लेकर किसान पहले से ही भारी जोखिम उठाते हैं, अब ऊपर से मौसम की बेरुखी ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
इसके अतिरिक्त किसानों ने सरकारी सहायता और योजनाओं की उपलब्धता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कृषि संबंधित सामग्री जैसे बीज, खाद, कीटनाशक आदि निर्धारित कोटे के अनुसार नहीं मिल पाते। कोटा न मिलने के कारण उन्हें ब्लैक मार्केट या निजी दुकानों से दोगुने दामों में सामान खरीदना पड़ता है, जिससे खेती की लागत और भी अधिक हो जाती है।
