अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीन पर कब्जा, ग्रामीणों पर झूठे मुकदमों का डर
योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर सवाल, भ्रष्टाचार का काला साया
धारा लक्ष्य समाचार पत्र
गोसाईगंज ! लखनऊ, मोहनलालगंज तहसील के सलेमपुर गांव में भू-माफियाओं का बोलबाला है। जिला पंचायत और राजस्व विभाग के अधिकारियों की कथित मिलीभगत से बिना नक्शा स्वीकृति के निजी और सरकारी जमीनों पर अवैध प्लॉटिंग का धंधा जोरों पर है। गोसाईगंज विकासखंड के इस गांव में अलाउद्दीन अंसारी नामक व्यक्ति पर मुख्य आरोप है।
ग्रामीणों के अनुसार, अंसारी ने रेलवे की जमीन से जबरन रास्ता बनाकर बिना जिला पंचायत की मंजूरी के प्लॉटिंग शुरू कर दी है। गाटा संख्या 2737 पर ग्राम समाज और बंजर भूमि पर भी अवैध कब्जा कर प्लॉट बांटे जा रहे हैं, जो क्षेत्रीय हल्का लेखपाल के संरक्षण में हो रहा है।
गांव वालों का कहना है कि राजस्व विभाग के भ्रष्ट अधिकारी अंसारी को खुला संरक्षण दे रहे हैं। जब कोई ग्रामीण शिकायत करता है, तो अंसारी अपने गुर्गों के जरिए झूठे एससी-एसटी मुकदमों में फंसा देता है। सलेमपुर गांव के निवासियों ने बताया कि अंसारी खुद को माफिया मुख्तार अंसारी का रिश्तेदार बताकर रौब झाड़ता है और धमकी देता है कि जब चाहे पूरा गांव खाली करा देंगे। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ज्योति दीक्षित ने अंसारी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 133 के तहत नोटिस जारी किया था, लेकिन कार्रवाई रुकी हुई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति को पलीता लग रहा है। भू-माफिया और उनके संरक्षणदाता भ्रष्ट अधिकारी सरकार की मंशा के विपरीत काम कर रहे हैं। राजस्व विभाग के लेखपाल, कानूनगो, नायब तहसीलदार और तहसीलदार पर सवाल उठ रहे हैं कि अगर ऐसा नहीं है,
तो अवैध प्लॉटिंग उनकी नजरों से क्यों छिपी है? ग्रामीणों ने मांग की है कि तत्काल कार्रवाई हो, वरना आंदोलन छेड़ा जाएगा। मोहनलालगंज क्षेत्र में हाल ही में एलडीए ने कई अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त की हैं, लेकिन सलेमपुर का मामला अभी लंबित है।
ग्रामीणों का आरोप
अलाउद्दीन अंसारी पर ग्रामीणों के गंभीर आरोप: रेलवे भूमि पर जबरन रास्ता, ग्राम समाज गाटा 2737 पर कब्जा। राजस्व अधिकारियों का संरक्षण, शिकायत पर झूठे एससी-एसटी केस। खुद को मुख्तार अंसारी का रिश्तेदार बताकर धमकी। जिला पंचायत ने नोटिस जारी किया, लेकिन कार्रवाई ठप। योगी नीति पर सवाल।
राजस्व विभाग को करोड़ो का नुकसान
कृषि भूमि को सर्किल रेट से खरीद कर प्रति स्क्वायर फीट में ऊंचे दामों में बेची जा रही है। धारा 80 भी नहीं कराया जाता है। तहसील के रजिस्टर ऑफिस में इस तरह की प्लॉटिंग करने वालों का विशेष सिस्टम रहता है। हालांकि बाद में प्रशासन अपने खर्चे पर इन अवैध प्लॉटिंग पर बुलडोजर चलता है।
अवैध प्लॉटिंग का गढ़ बने कई गांव
प्रशासन की सुस्ती से मोहनलालगंज तहसील के कई गांव भू माफियाओं की पसंद के गढ़ बन गए है। ग्राम सभा घुसकर, चमारतलिया, सलेमपुर, रसूलपुर, मोहम्मदपुरगढ़ी सहित कई गांव में भू माफिया डेरा जमाए बैठे है।
