संग्रामपुर/अमेठी। जिले के संग्रामपुर विकासखंड के टीकरमाफी गांव में गुरुवार शाम पराली जलाने की घटनाओं ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी। सड़क किनारे स्थित कई खेतों में किसानों ने धान की कटाई के बाद बची पराली को आग के हवाले कर दिया, जिससे पूरा क्षेत्र धुएं से भर गया। धुएं की वजह से राहगीरों को रास्ते से गुजरने में दिक्कत हुई, वहीं स्थानीय लोगों ने वातावरण दूषित होने की शिकायत भी की थी।
इस दौरान यह बात विशेष रूप से चिंता का विषय रही कि उपजिलाधिकारी आशीष कुमार सिंह पिछले कई दिनों से स्पीकर और जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से किसानों को पराली न जलाने की अपील कर रहे हैं। प्रशासनिक चेतावनियों और जागरूकता प्रयासों के बावजूद किसानों द्वारा इस प्रथा को अपनाना पर्यावरण संरक्षण के प्रति लापरवाही का संकेत माना जा रहा है।
किसानों का मानना है कि पराली जलाकर वे खेत को जल्द तैयार कर लेते हैं और फिर पानी भरकर अगली फसल की बुवाई और जुताई कर पाते हैं। हालांकि प्रशासन बार-बार इस पद्धति से होने वाले पर्यावरणीय दुष्प्रभावों को लेकर चेताता रहा है।
घटना की जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लिया और संबंधित राजस्व निरीक्षक को जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पराली जलाने वालों के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
