धारा लक्ष्य समाचार पत्र
भेटुआ/अमेठी। जनपद के भेटुआ ब्लॉक स्थित हारीपुर ग्रामसभा के महना गांव में बना अमृत सरोवर उपेक्षा का शिकार हो गया है। कभी यह सरोवर ग्रामीणों और पशुधन के लिए प्रमुख जलस्रोत था, लेकिन अब यह पूरी तरह से बदहाल होकर जंगल में तब्दील हो चुका है।
सरोवर में घास, फूस, कूस और जंगली सरपत इतनी अधिक फैल गई है कि पानी का नामोनिशान तक नहीं बचा है। ग्रामीणों के अनुसार, सरोवर की खाई कटकर बह चुकी है, जिसके कारण बारिश का पानी भी इसमें रुक नहीं पाता। धीरे-धीरे यह सरोवर पूरी तरह सूख गया है और अब केवल एक परती मैदान बनकर रह गया है।
इस स्थिति के कारण पशुओं को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। इससे पशुपालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण भूतपूर्व प्रधान राजकमल सिंह,उमाशंकर सिंह, मान सिंह, सागर सिंह, सियाराम, मंगल, रवि सिंह, संदीप और विक्की सिंह सहित अन्य ग्रामवासियों ने बताया कि अमृत सरोवर का निर्माण जल संरक्षण और गांव की प्यास बुझाने के उद्देश्य से किया गया था। हालांकि, जिम्मेदार विभागों की लापरवाही और रखरखाव के अभाव के कारण यह योजना विफल हो गई है।
सभी ग्रामवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि सरोवर की अविलंब सफाई, संरक्षण और खाई की मरम्मत कर जल संचयन की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। उनका कहना है कि इससे यह सरोवर एक बार फिर ग्रामीणों और पशुओं के लिए जीवनदायक जलस्रोत बन सकेगा।
