अवधी को तकनीकी रूप से सदृढ़ करने हेतु डेटा की जरूरत: डॉ सत्येन्द्र

मित्र राष्ट्र नेपाल से भी शामिल हुए साहित्यकार बिजय वर्मा व चंद्रेश्वर त्रिपाठी

बाराबंकी यूपी । तकनीकी रूप से कोई भाषा उतनी ही सुदृढ़ होगी जितना अधिक डेटा उपलब्ध होगा। गूगल के लिए अवधी बिल्कुल नई भाषा है, इसलिए अधिक से अधिक डेटा जुटाना होगा। एआई और मशीन को सिखाने के लिए पद्य से अधिक गद्य साहित्य परिणामपरक होता है क्योंकि वाक्य संरचना गद्य साहित्य से ही सुलभ होगी।

उक्त विचार मुख्यवक्ता डॉ सत्येन्द्र अवस्थी वरिष्ठ सन्दर्भ व्यक्ति, भाषा संस्थान, मैसूर कर्नाटक ने अवधी भारती संस्थान द्वारा होटल रॉयल रियलाइट में आयोजित अवधी भाषा और तकनीक विषयक कार्यशाला में व्यक्त किये।

विषय विशेषज्ञ डॉ सत्येन्द्र अवस्थी ने यह भी कहा कि डेटा संकलन में भाषा का लिखित और ऑडियो दोनों रूप चाहिए। भाषा संस्थान अवधी कार्पस बनाएगा। इस महत्वपूर्ण कार्य में सभी साहित्यकारों पत्रकारों की भूमिका रहेगी।

अवध भारती संस्थान के अध्यक्ष डॉ राम बहादुर मिश्रा में अवधी साहित्य भेंट करते हुए कहा कि डेटा कार्पस बनाना अवधी के लिए सबसे जरूरी कार्य है। डॉ मिश्रा ने कहा कि नेपाल तक फैले अवधी क्षेत्र की दृष्टि से बाराबंकी अवधी का केंद्र है। इसलिए बाराबंकी की भूमिका भी अधिक ही होगी।

पूर्व सांसद उपेन्द्र सिंह रावत ने नेपाल से आये साहित्यकारों का विशेष स्वागत करते हुए मैसूर से आये डॉ सत्येन्द्र अवस्थी द्वारा दी गयी विस्तृत जानकारी को नई दृष्टि प्रदान करने वाला बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी का आभार व्यक्त किया कि अवधी को विधान सभा में प्रतिष्ठित कर अवधी उन्नति के द्वार खोल दिये हैं।

कार्यशाला संयोजक प्रदीप सारंग सचिव नेपाल भारत अवधी परिषद ने बाबा बैजनाथ एवं गुरुवर मृगेश का साहित्य अवधी की थाती बताते हुए गद्य साहित्य सृजित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए नव सृजन हेतु उत्साहित किया।

समीक्षक डॉ विनयदास ने कहा कि यह कालखंड अवधी का जागरण काल है। सभी कलमकार अवधी को समृद्ध बनाने हेतु आगे आएं।

कार्यशाला से पूर्व राजकुमार सोनी तथा पश्चात में नेपाल से आये नेपाल दूरदर्शन के निर्देशक बिजय वर्मा की अध्यक्षता में काव्य पाठ सम्पन्न हुआ जिसमें

डॉ कुमार पुष्पेंद्र, डॉ अम्बरीष अम्बर, डॉ ओपी वर्मा ओम, प्रदीप महाजन, योगेन्द्र मधुप, अनिल श्रीवास्तव लल्लू, नागेन्द्र प्रताप सिंह, साहब नारायन शर्मा, दीपक दिवाकर, राम किसुन यादव, सोहन लाल आजाद, आईपी सिंह ने काव्य पाठ किया।

कार्यशाला में उर्मिला रावत, रामेश चंद्र रावत, रवि अवस्थी, दुष्यंत शुक्ल सिंहनादी, डॉ अनिल अविश्रान्त, डॉ श्याम सुंदर दीक्षित, प्रभात नारायण दीक्षित, दीपक अवस्थी, एड रजत बहादुर वर्मा सहित अनेक साहित्यकार उपस्थित रहे। लोकगायिका पूजा पांडेय ने राम विवाह पर गीत प्रस्तुत किया। सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किये गए।

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