Sharanapur: थाना फतेहपुर के चमारीखेड़ा जटपुरा रोड से अस्थाई अतिक्रमण हटाने के बाद मामला पहुँचा कोर्ट

राजकुमार सैनी

धारा लक्ष्य समाचार  छुटमलपुर थाना फतेहपुर के चमारीखेड़ा जटपुरा रोड से अस्थाई अतिक्रमण तो हटा लेकिन स्थाई अतिक्रमण ज्यों का त्यों मामला पहुँचा कोर्ट।

मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व रविन्द्र कुमार पुत्र श्री सहीराम निवासी ग्राम लश्करपुर उर्फ चमारीखेड़ा ने जन हित में रोड से अतिक्रमण हटवाने के लिए कुछ तहरीर उपजिलाधिकारी सदर से लेकर जिला अधिकारी सहारनपुर कमिश्नर सहारनपुर व मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी दर्ज कराई थी ।

जिस पर कार्यवाही करते हुए एक टीम का गठन कर तीन सदस्य टीम तैयार कर जिसका अध्यक्ष नायाब तहसीलदार पंकज निर्वाल एवं सदस्य क्षेत्र लेखपाल हिमांशु चौहान एवं सदस्य लेखपाल रब्बानी राव को नामहित कर क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराने के आदेश दिए थे आदेश के चलते अस्थाई अतिक्रमण तो प्रशासन के दुवारा हटवा दिया गया था।

लेकिन स्थाई अतिक्रमण के लिए कार्यालय अधिशासी अभियंता निर्माण खंड लॉक निर्माण सहारनपुर के दुवारा मदन पुत्र फूलसिंह ,विजय पुत्र जयपाल ,ब्रजभूषण पुत्र जयपाल सुभम पुत्र सुदेश अजय पुत्र जयपाल व अमित पुत्र श्यामसिंह को चेतावनी के साथ नोटिस देते हुए सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए 3 दिन का समय दिया था लेकिन लगता है।

शायद शासन प्रशासन का इन लोगो के मन मे जरा भी डर नही है लेकिन नोटिस के बाद भी अतिक्रमण ज्यों का त्यों है वही इन लोगो ने नोटिस का जवाब अपने वकील के दुवारा देते हुए अपने आपको 30 वर्ष से इस जमीन पर काबिज होना बताते हुए अपने आपको इस जमीन का मालिक बताया है एक तरफ तो PWD कह रहा है ये जमीन सरकार की है ।

तो दूसरी तरफ जिन लोगो को नोटिस दिया गया है वह लोग इस जमीन पर अपनी जमीन होने का दावा कर रहे है अगर यह जमीन सरकार की है तो यह अब तक खाली क्यो नही कराई गई जिस तरह से वादी 30 साल से इस जमीन पर काबिज होना बता रहे है और ये जमीन सरकार की निकलती है तो दुकान स्वामी को 30 साल का इन दुकानों का किराया वहन कर पायेगे जो एक जाँच का विषय है।

आखिर PWD विभाग इस स्थाई अतिक्रमण को हटवाने में हीला हवाली क्यों कर रहे है या कही PWD के अधिकारी कुछ मिलीभगत कर दुकान स्वामियो को फायदा तो पहुँचाने की फिराक में तो नही है यू तो बताया जा रहा है कि यह मामला दुकानदारों ने कोर्ट में दाखिल कर दिया है जिसपर सुनवाई भी हो सकती है।

लेकिन इस कार्य मे जाँच होना भी बहुत जरूरी है क्योंकि कुछ सवाल संदेह के घेरे में नजर आ रहे है अब देखना है क्या इसकी हो पाएजी जाँच और हो पाएगी कार्यवाही यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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