धारा लक्ष्य समाचार बाराबंकी। ऑल इंडिया पसमान्दा मुस्लिम महाज की ओर से मोहल्ला कटरा बारादरी में एक जागरूकता बैठक आयोजित की गई, जिसमें नए विधेयक की मुख्य विशेषताओं को आमजन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए महाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसीम राईन ने कहा कि वक्फ संपत्तियाँ मुस्लिम समुदाय के धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण रही हैं, लेकिन वर्षों से इनके प्रबंधन में अनियमितता,
अतिक्रमण और विवाद सामने आते रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह विधेयक वक्फ बोर्डों की मनमानी पर अंकुश लगाने का प्रयास है, जिससे गैर-मुस्लिमों की संपत्तियों को अनुचित रूप से वक्फ घोषित किए जाने की घटनाओं पर रोक लगेगी।
उन्होंने बताया कि विधेयक के तहत वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण, ऑनलाइन रिकॉर्ड की सुविधा और वार्षिक ऑडिट अनिवार्य किया गया है, जिससे व्यवस्था अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बन सके। इसके साथ ही विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी विशेष बल दिया गया है। उन्हें आर्थिक सहायता

, शिक्षा, कौशल विकास और कानूनी मदद की व्यवस्था की जाएगी। संपत्ति विवादों में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए अलग से कानूनी सहायता केंद्र खोलने का भी प्रस्ताव है।
वसीम राईन ने कहा कि सरकार चाहती है कि वक्फ संपत्तियों की आय शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार जैसे बुनियादी क्षेत्रों में उपयोग हो, ताकि वंचित तबकों को वास्तविक लाभ मिल सके। इसके साथ ही शिया, सुन्नी, बोहरा, अघाखानी व पिछड़े वर्गों को वक्फ बोर्डों में प्रतिनिधित्व देकर निर्णय प्रक्रिया को और समावेशी बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 एक ऐसा कदम है जो न केवल धार्मिक भावनाओं का सम्मान करता है, बल्कि समाज में न्यायपूर्ण और पारदर्शी व्यवस्था को भी सशक्त करता है। इस अवसर पर इमाम कारी मकबूल, अशफाक राईन, गुड्डू ख़ान, निसार राईन, रिजवान राईन, महमूद चौधरी, मुनीर राईन, इरसाद राईन, इमरान राईन, जावेद राईन, शफीक राईन, आशिफ़, मुक़तार कुरैशी, गुड्डू डेंटर, इमरान अंसारी आदि दर्जनों लोग उपस्थित रहे!
